वॉशिंगटन | अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार (21 जनवरी) को कहा कि उनकी सरकार 1 फरवरी से चीन पर 10% टैरिफ लगाने पर विचार कर रही है। यह फैसला फेंटानिल नामक घातक नशीले पदार्थ की सप्लाई के मुद्दे से जुड़ा हुआ है, जो मेक्सिको और कनाडा तक पहुंच रहा है। फेंटानिल, जो हेरोइन से 50 गुना अधिक शक्तिशाली है, अमेरिका में ओवरडोज़ और ड्रग्स से संबंधित मौतों के लिए जिम्मेदार रहा है।
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व्हाइट हाउस में आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने यह घोषणा की। इस दौरान उनके साथ ओरेकल के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी लैरी एलिसन, सॉफ्टबैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मासायोशी सोन, और ओपन एआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन मौजूद थे। ट्रंप ने कहा “हम चीन पर 10% टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं, जो इस तथ्य पर आधारित है कि चीन मेक्सिको और कनाडा को फेंटानिल भेज रहा है। यह अमेरिका के लिए गंभीर चिंता का विषय है।”
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ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन और मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाने की संभावना पर विचार जारी है। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात की थी, लेकिन उस दौरान टैरिफ के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा नहीं हुई।
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संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने शी जिनपिंग से यूक्रेन में युद्ध को रोकने के संबंध में हस्तक्षेप करने की बात की थी। हालांकि, ट्रंप के अनुसार, चीन ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
फेंटानिल, एक अत्यंत शक्तिशाली सिंथेटिक ओपिओइड है, जो अमेरिका में ड्रग ओवरडोज़ संकट का प्रमुख कारण बन गया है। ट्रंप प्रशासन का दावा है कि चीन से मेक्सिको और कनाडा के माध्यम से फेंटानिल अमेरिका तक पहुंच रहा है। टैरिफ का उद्देश्य चीन पर दबाव बनाकर इस सप्लाई को रोकना है।
यदि 1 फरवरी से 10% टैरिफ लागू होता है, तो यह न केवल अमेरिका-चीन व्यापारिक संबंधों को प्रभावित करेगा, बल्कि ग्लोबल मार्केट में भी हलचल पैदा करेगा। अमेरिका पहले ही कई चीनी उत्पादों पर टैरिफ लगा चुका है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध गहराता गया है।