नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए लखपति दीदी की चर्चा की। साथ ही सोनिया गांधी के राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू को ‘बेचारी’ बोलने पर भी जवाब दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति जी के भाषण के बाद, एक महिला, एक गरीब का सम्मान न करें, आपकी मर्जी है, लेकिन क्या-क्या कहकर उन्हें अपमानित किया जा रहा है। मैं राजनीतिक हताशा समझ सकता हू्ं, लेकिन एक राष्ट्रपति के खिलाफ?
क्या कारण है?” उन्होंने कहा,”आज भारत इस प्रकार की विकृत मानसिकता को छोड़कर आगे बढ़ रहा है। आधी आबादी को पूरा अवसर मिले तो भारत दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ सकता है, ये मेरा विश्वास है। पिछले 10 साल में सेल्फ हेल्प ग्रुप में 10 करोड़ नई महिलाएं जुड़ी हैं, ये वंचित परिवारों से हैं, ग्रामीण बैकग्राउंड से हैं। उनका सामाजिक स्तर ऊपर उठा, सरकार ने इनकी मदद 20 लाख रुपये तक बढ़ा दी है। तीसरी बार सरकार बनने के बाद 50 लाख से ज्यादा लखपति दीदी की जानकारी हम तक पहुंची है। अब तक कुल करीब सवा करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनी हैं। हमारा लक्ष्य तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का है।” पीएम मोदी ने कहा कि देश के गांवों में ड्रोन दीदी की चर्चा होती है। महिलाओं के हाथ में ड्रोन देखकर गांववालों का उन्हें देखने का नजरिया बदला।
आज ये लाखों रुपये कमाने लगी हैं। करोड़ों महिलाएं मुद्रा योजना लेकर उद्योगपति की भूमिका में आईं। 4 करोड़ परिवारों को घर दिए, उनमें 75 फीसदी मकानों का मालिकाना हक महिलाओं को मिला है। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किए बिना पूरा नहीं हो सकता है। रूरल इकॉनमी के हर क्षेत्र को छूने का हमने प्रयास किया है। खेती-किसानी हमारे लिए अहम है। खेती के बजट में हमने 10 गुना वृद्धि की है। आज जो लोग यहां किसान की बातें करते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि साल 2014 से पहले यूरिया मांगने पर लाठी मिलती थी।
रात-रात कतारों में खड़ा रहना पड़ता था। वो एक अलग जमाना था, जब खाद किसानों के नाम पर निकलती थी और कालाबाजारी कहीं और होती थी। सरकार द्वारा प्रदान किए जाने धन का अधिकांश हिस्सा रास्ते में ही गायब हो जाता था। हमारे काल में पीएम किसान सम्मान निधि के करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट किसानों के खाते में गए। बीते दशक से तीन गुना ज्यादा हमने फसलों खरीदी की है, साथ ही हमने एमएसपी बढ़ाई और सस्ते ऋण के लिए तीन गुना वृद्धि की गई। पीएम मोदी ने कहा कि जो संविधान की बात करते हैं, उन्हें ज्यादा ज्ञान नहीं है। पानी की योजनाओं को लेकर अंबेडकर का विजन था। हमने 100 से ज्यादा लटकी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा किया।
नदियों को जोड़ने की वकालत अंबेडकर जी ने की, लेकिन दशकों तक कुछ नहीं हुआ। हमने केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट शुरू कर दिया। गुजरात में ऐसा मेरा सफल अनुभव रहा है। हर देशवासी का सपना होना चाहिए कि दुनिया की हर डाइनिंग टेबल पर मेड इन इंडिया फूड क्यों न हो। भारत की चाय और कॉफी आज दुनिया में महक पहुंचा रही है। हमारी हल्दी की सबसे ज्यादा मांग बढ़ी है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि विकसित भारत का सपना सरकारी सपना नहीं, 140 करोड़ देशवासियों का सपना है। दुनिया में यह एक उदाहरण हैं। 20-25 साल के कालखंड में दुनिया के कई देश विकसित हुए। ऐसे में हमारे पास डेमोग्राफी है, डेमोक्रेसी है, डिमांड है तो हम विकसित देश क्यों नहीं बन सकते?