Friday, February 7, 2025

हिंदू एकजुट नहीं होंगे तो हो जाएगा बांग्लादेश जैसा हाल : अग्निमित्रा पॉल

कोलकाता। केरल के चेरुकोलपुझा हिंदू एकता सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि एकजुट समाज ही फलता-फूलता है और हिंदू समाज तभी समृद्ध हो सकता है जब वह एकजुट रहेगा। इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल में आसनसोल (दक्षिण) से भारतीय जनता पार्टी की विधायक व पार्टी की राज्य महासचिव अग्निमित्रा पॉल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के चेरुकोलपुझा हिंदू एकता सम्मेलन में दिए गए बयान का समर्थन किया।

साथ ही उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव के आए एग्जिट पोल और तिरुपति बालाजी मंदिर में 18 गैर हिंदू कर्मचारियों को हटाए जाने पर भी प्रतिक्रिया दी। आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मोहन भागवत ने जो कहा है, वह पूरी तरह सही है। अगर हिंदू आज एकजुट नहीं होंगे, तो बांग्लादेश जैसा हाल हो जाएगा। किसी भी धर्म के लोग तभी सुरक्षित रहते हैं, जब वे संगठित होते हैं, खासतौर पर हिंदुओं के लिए यह बेहद जरूरी है। आज हिंदू हर जगह कम होते जा रहे हैं, जबकि उनके लिए एकमात्र स्थान भारतवर्ष ही है। इसलिए हिंदुओं को जातिवाद से ऊपर उठकर एक साथ रहना होगा।

”दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर जारी एग्जिट पोल पर उन्होंने कहा, “सात एग्जिट पोल में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने का संकेत दिया गया है, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) की सीटें आधी तक घटने की संभावना जताई गई है। वह खुद दिल्ली चुनाव प्रचार के लिए गई थीं और मुझे लगा कि दिल्ली की जनता परिवर्तन चाहती है। अब एग्जिट पोल में जो दिख रहा है, वह यही साबित कर रहा है कि जनता भाजपा को मौका देना चाहती है। आम आदमी पार्टी ने अपनी सरकार के दौरान कई वादे किए, लेकिन उन्हें पूरा नहीं क‍िया। उनकी नीतियों में धांधली थी, उन्होंने जनता के साथ धोखा किया और केजरीवाल सरकार ने कई स्तरों पर भ्रष्टाचार किया। जनता को सब पता है और इसलिए इस बार भाजपा की सरकार बनने जा रही है।” तिरुपति बालाजी मंदिर में 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने के फैसले पर भी अग्निमित्रा पॉल ने समर्थन जताया। उन्होंने कहा कि यह एक सही कदम है और इसकी जरूरत पहले से थी।

उन्होंने कहा, “कुछ महीने पहले तिरुपति बालाजी के पवित्र मंदिर में प्रसाद में मिलावट की गई थी। मशहूर लड्डू में गाय की चर्बी मिलाए जाने की बात सामने आई थी और यह कोई हिंदू नहीं कर सकता था, बल्कि यह काम किसी गैर-हिंदू ने किया था। इसलिए इस तरह के कदम उठाना जरूरी है। अगर मस्जिद में सिर्फ मुसलमान रहते हैं और चर्च में सिर्फ ईसाई रहते हैं, तो मंदिरों में भी हिंदुओं को ही सेवा में रहना चाहिए। यह भेदभाव नहीं बल्कि आस्था का विषय है।” इसके बाद उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के 10 दिवसीय बंगाल दौरे को लेकर भी उत्साह जताया। उन्होंने कहा, “हम सभी बहुत खुश हैं कि हमारे अभिभावक मोहन भागवत बंगाल आ रहे हैं।

पहले भी वे आए थे, लेकिन एक-दो दिन के लिए। इस बार वे 16 फरवरी तक रुकेंगे, जो हमारे लिए गर्व की बात है। भागवत जी समाज को सुधारने की बात करते हैं और उनके मार्गदर्शन से हमें शक्ति मिलती है। उनका यह दौरा बंगाल के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।” उन्होंने अंत में कहा कि मोहन भागवत के नेतृत्व में हिंदू समाज को मजबूत बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने हिंदुओं से जातिवाद से ऊपर उठकर संगठित होने की अपील की और कहा कि यदि समाज को सुरक्षित और शक्तिशाली बनाना है, तो एकता ही उसका मूल मंत्र होना चाहिए।

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