म्यूनिख। म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन 2025 के दौरान अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने हिंद-प्रशांत और उत्तर कोरिया में सुरक्षा परिदृश्य पर चर्चा की। अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, जापानी विदेश मंत्री इवाया ताकेशी और दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री चो ताए-युल ने मुलाकात की। उन्होंने तीनों देशों, हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
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इसके साथ ही डीपीआरके के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों और दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए उनका मिलकर संबोधित करने की जरुरत पर जोर दिया। तीनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों (यूएनएससीआर) के अनुसार डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की। डीपीआरके उत्तर कोरिया का आधिकारिक नाम है।
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दक्षिण चीन सागर सहित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के जलक्षेत्र में बल या दबाव के द्वारा यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करते हुए, उन्होंने एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने और अंतर्राष्ट्रीय कानून को सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उत्तरी चीन सागर में, चीन और जापान सेनकाकू द्वीप समूह की क्षेत्रीय संप्रभुता के लिए आमने-सामने हैं। तीनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने सुरक्षा ढांचे को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग करतें है ताकि चीन की मुखरता का मुकाबला किया जा सके और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखी जा सके। इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामक नीति और उत्तर कोरिया की परमाणु चुनौतियों का मुकाबला करना है।