Tuesday, February 25, 2025

टेक्सटाइल, टूरिज्म और टैक्नालॉजी में बड़ी भूमिका रहेगी भारत की – मोदी

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत के विकसित भविष्य में तीन क्षेत्रों टेक्सटाइल, टूरिज्म और टैक्नालॉजी की बड़ी भूमिका रहेगी और इनके माध्यम से रोजगार के करोड़ों अवसर सामने आएंगे। इसके साथ ही उन्होंने निवेशकों से आह्वान करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में भी निवेश का यह सही समय है।

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मोदी यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय परिसर में दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस) के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, देश के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी समेत देश-विदेश के कई ख्यातिप्राप्त उद्योगपति और राजनयिक उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री इमोदी ने कहा कि देश के विकसित भविष्य में तीन क्षेत्रों ‘टेक्सटाइल, टूरिज्म और टेक्नोलॉजी’ की बहुत बड़ी भूमिका रहने वाली है। ये क्षेत्र करोड़ों लोगों को रोजगार देने वाले हैं। भारत कॉटन, सिल्क, पालिएस्टर और विस्कोस का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। टेक्स्टाइल सेक्टर ही करोड़ों को रोजगार देता है। मध्यप्रदेश तो एक प्रकार से भारत की ‘कॉटन कैपिटल’ है। भारत की करीब 25 फीसदी ऑर्गेनिक कॉटन आपूर्ति मध्यप्रदेश से ही होती है।

 

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उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश मलबरी सिल्क का भी देश का सबसे बड़ा निर्माता है। यहां का चंदेरी और महेश्वर विश्वप्रसिद्ध हैं। इनमें निवेश निवेशकों को वैश्विक पहचान देगा। सरकार मेडिकल टेक्सटाइल और जियो टेक्सटाइल को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए राष्ट्रीय मिशन शुरु किया है। सात बड़े टेक्सटाइल पार्क में से एक मध्यप्रदेश में बन रहा है

प्रधानमंत्री मोदी ने देश-विदेश से आए निवेशकों के सामने मध्यप्रदेश की तमाम खूबियों को ना केवल विस्तार से रखा, बल्कि इस बात पर भी बल दिया कि राज्य में निवेश का सही समय यही है। मोदी ने मध्यप्रदेश की पिछले दो दशक की विकास यात्रा को सबके सामने रखा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि और खनिज के मामले में देश के अव्वल राज्यों में है। मध्यप्रदेश को जीवनदायिनी मां नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त है। यहां विकास की हर संभावना है। बीते दो दशकों में मध्यप्रदेश ने संक्रमण का नया दौर देखा है, एक समय यहां पानी-बिजली के साथ ही कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब थी। ऐसे में यहां उद्योगों का विकास बहुत मुश्किल था। पिछले 20 साल में भाजपा सरकार ने सुशासन पर फोकस किया है।

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प्रधानमंत्री ने “विकसित मध्यप्रदेश से विकसित भारत” के उद्देश्य से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के भव्य आयोजन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बधाई दी। मोदी ने कहा कि भारत के इतिहास में ऐसा अवसर पहली बार आया है, जब पूरी दुनिया भारत के लिए आशान्वित है। भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी क्षमता को सिद्ध किया है, जिसके परिणाम स्वरूप सम्पूर्ण विश्व भारत पर विश्वास प्रकट कर रहा है। उन्होंने कहा कि यही विश्वास हम मध्यप्रदेश में अनुभव कर रहे हैं। मध्यप्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से देश का पांचवां बड़ा राज्य है, कृषि और खनन में अग्रणी है। देश में हो रहे अधोसंरचना विकास का लाभ मध्यप्रदेश को मिला है, दिल्ली, मुम्बई नेशनल हाईवे का बड़ा भाग मध्यप्रदेश से निकलता है। प्रदेश में व्यापक रोड नेटवर्क है और लॉजिस्टिक्स की यहाँ अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। मध्यप्रदेश में हर वो क्षमता है, जो इसे देश के शीर्ष पाँच राज्यों में ला सकता है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने के लिए बधाई दी।

आयोजन में प्रधानमंत्री मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर प्रदेश में औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिए लागू 18 नवीन नीतियों की शुरूआत की। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश उद्योग नीति 2025, एमएसएमई नीति, एक्सपोर्ट प्रमोशन नीति, लॉजिस्टिक्स नीति, स्टार्टअप नीति, मध्यप्रदेश एनीमेशन, वीआर, गैमिंग कामिक्स और विस्तारित रियलिटि नीति, जीसीसी नीति, सेमी कंडक्टर नीति, ड्रोन संवर्धन और उपयोग नीति, फिल्म पर्यटन नीति, पर्यटन नीति, पम्पड हाइड्रो स्टोरेज नीति, सिटी गैस डिस्टिब्यूशन नीति, विमानन नीति, नवकरणीय ऊर्जा नीति, स्वास्थ निवेश प्रोत्साहन नीति और एकीकृत टाउनशिप नीति शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यहां 300 से अधिक इंडस्ट्री जोन हैं और निवेश की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में 31 हजार मेगावॉट सरपल्स एनर्जी है, जिसमें 30 फीसदी रिन्यूएबल एनर्जी है। कुछ दिन पहले ही ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजना का शुभारंभ हुआ है। एनर्जी सेक्टर में आए बूम का मध्यप्रदेश को लाभ मिला है। हाल ही में 45 हजार करोड़ रुपए लागत की केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला रखी गई, जिससे 10 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता बढ़ेगी। परिणामस्वरूप प्रदेश में कपड़ा उद्योग और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर बढ़ेगा।

मोदी ने कहा कि दो दशक पहले लोग मध्यप्रदेश में निवेश करने से डरते थे। जिस प्रदेश में बसें ठीक से नहीं चल पाती थीं, वह राज्य अब इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) के मामले में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। जनवरी 2025 तक प्रदेश में दो लाख इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं, जो दर्शाता है कि नए क्षेत्रों में भी मध्यप्रदेश निवेश आकर्षित कर रहा है। लीथियम बैटरी और न्यूक्लीयर एनर्जी में भी निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में शत-प्रतिशत रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण किया जा चुका है। विमानन सेवा के लिए ग्वालियर और जबलपुर के एयरपोर्ट को विस्तार दिया गया है। केन्द्र और राज्य सरकार प्रदेश की विकास दर को नई ऊँचाइयां देने के लिए निरंतर हरसंभव प्रयास कर रही है। मध्यप्रदेश में निवेश का यही समय है और सही समय है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व के सामान्यजन, विशेषज्ञ और संस्थाएं भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही हैं। विश्व बैंक ने कहा है कि भारत आने वाले वर्षों में ऐसे ही गतिशील अर्थव्यवस्था बना रहेगा। इसी प्रकार संयुक्त राष्ट्र संघ की एक संस्था ने भारत को सौर ऊर्जा का श्रेष्ठ केन्द्र कहा है। एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, वैश्विक सप्लाय चैन के रूप में उभर रहा है। विश्व में यह मान्यता है कि भारत जो कहता है – वह करके दिखाता है। वैश्विक स्तर पर विद्यमान यह विचार निवेशकों का उत्साह बढ़ाने के पर्याप्त आधार हैं।

उन्होंने कहा कि “हेल्थ एंड वेलनेस” क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार एमएसएमई सेक्टर को गति देने के लिए एमएसएमई केन्द्रित सप्लाई चैन को विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है। “ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस” को प्रोत्साहित करने के लिए कई अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त किया गया है। केन्द्रीय बजट में मध्यम वर्ग के लिए “टैक्स स्लैब” में बदलाव किए गए हैं। रिजर्व बैंक ने भी ब्याज दरें घटाई हैं।

मोदी ने समिट में पधारे प्रतिनिधियों से कहा कि वे मध्यप्रदेश आएं हैं, तो उज्जैन के महाकाल और महाकाल लोक के दर्शन कर भगवान महाकाल का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करें, यह उन्हें आलोकिक अनुभूति प्रदान करेगा।

इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी का राज्यपाल पटेल की उपस्थिति में, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने “अंग वस्त्रम” भेंटकर अभिवादन किया। मोदी को डॉ. यादव ने स्मृति चिन्ह के रूप में भोपाल की प्रसिद्ध जरी-जरदोजी कला से निर्मित महाकाल मंदिर का चित्र भेंटकर उनका आभार व्यक्त किया। दो दिवसीय समिट में देश-दुनिया के दिग्गज राजनेता, उद्योगपति और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि सहभागिता कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम स्थल पर मध्यप्रदेश की अनोखी शिल्प कला और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते “एमपी एक्सपीरियन्स जोन और एमपी प्वेलियन” का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेश के प्रसिद्ध जनजातीय चित्रकारों द्वारा बनाई गई गौंड, भीली, और पिथौरा कलाकृतियों का अवलोकन किया।

इसके पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सतत विकास और औद्योगिक निवेश की दिशा में नए कदम बढ़ाए जा रहे हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की थीम ‘अनंत संभावनाएँ’ है, जो प्रदेश में उद्योग और निवेश की असीमित संभावनाओं को दर्शाती है। ‘अनंत संभावनाएँ’ केवल एक विचार नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में अवसरों की व्यापकता को दर्शाने वाला दृष्टिकोण है।

डॉ यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास’ का मंत्र दिया, जिसमें यह संदेश समाहित है कि जब संभावनाओं के अनंत आकाश में हम साथ मिलकर आशा की ज्योत जलाते हैं, तो एक नहीं, बल्कि सभी के आंगन रोशन होते हैं और यही हमारी सनातन संस्कृति है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प समस्त भारतवासियों ने लिया है, हमारा लक्ष्य देश को 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। विकसित भारत के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए ‘विकसित मध्यप्रदेश’ बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। इसी अनुक्रम में राज्य सरकार अगले 05 वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।

डॉ. यादव ने कहा कि एक वर्ष पहले निवेश तथा औद्योगिक विकास की यात्रा मार्च 2024 में बाबा महाकाल के आशीर्वाद के साथ उज्जैन से शुरू हुई। इस यात्रा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के साथ ही देश के प्रमुख शहरों में इंटरैक्टिव सेशंस आयोजित किए गए। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यूके, जर्मनी एवं जापान में मध्यप्रदेश की विकास गाथा को प्रस्तुत किया गया। सरल, निवेश अनुकूल एवं प्रासंगिक नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन, सरलीकृत व्यापार एवं बाधारहित व्यवसाय, सिंगल विंडो सिस्टम को बेहतर बनाना और शासन में पारदर्शिता लाना हमारी उच्च प्राथमिकता है। प्रदेश में निवेश के प्रयासों के लिए लगातार कार्य करने के उद्देश्य से सरकार ने वर्ष 2025 को ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग एवं रोज़गार को बढ़ावा देने के लिए पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अंतर्गत 6 विभाग शहरी विकास विभाग, पर्यटन विभाग, खनिज विभाग, नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग एवं एमएसएमई विभाग के अलग से समिट हो रहे हैं। किसी भी प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए 4 मूलभूत संसाधनों की आवश्यकता होती है, भूमि, जल, बिजली और कुशल कार्यबल। ये सब प्रदेश में उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सकल राज्य घरेलु उत्पाद में मध्यप्रदेश बड़े राज्यों की श्रेणी में सर्वाधिक वार्षिक विकास दर वाला राज्य है। पिछले 12 वर्षों में मध्यप्रदेश का सकल घरेलु उत्पाद लगभग 4 गुना हुआ है। मेगा फुटवेयर क्लस्टर (मुरैना), नवकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण (मोहासा-बावई) और पीएम मित्रा (मित्रा) पार्क (धार) सहित कई बड़े प्रोजेक्ट प्रगति पर हैं। विक्रम उद्योगपुरी (उज्जैन) में मेडिकल डिवाइसेस पार्क और 6 नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास हो रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों को प्रदेश में आमंत्रित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में सशक्त पारिवारिक भावना विद्यमान है। यहां की यह विशेषता है कि जो मध्यप्रदेश एक बार आता है, वह यहीं का होकर रह जाता है।

वहीं प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में विभिन्न उद्योगपतियों और औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश में औद्योगिक इकाइयों के संचालन और गतिविधियों के विस्तार के संबंध में अपने अनुभव साझा किए। इसके अंतर्गत अडाणी ग्रुप के चेयरमेन गौतम अडाणी ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आना उनके लिए सौभाग्य का विषय है। अडाणी ग्रुप मध्यप्रदेश में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश कर चुका है। भविष्य में उनके समूह की एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए की योजना है। यह निवेश सीमेंट, खनन और ऊर्जा क्षेत्र में होगा, इससे वर्ष 2030 तक एक लाख 20 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। अडाणी ने बताया कि राज्य सरकार के साथ मल्टी स्मार्ट सिटी और एयरपोर्ट सिटी के निर्माण के लिए भी उनका समूह चर्चा कर रहा है।

इसके अलावा अन्य अनेक उद्योगपतियों ने भी अपने विचार साझा किए। दो दिवसीय जीआईएस के अंतिम दिन मंगलवार को समापन सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आएंगे।

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