नई दिल्ली। दिल्ली में राजनीतिक माहौल उस समय गर्मा गया जब कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में घोषणा की कि नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि यह रिपोर्ट आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के भ्रष्टाचारों को उजागर करेगी और दिल्ली की जनता के धन के दुरुपयोग को सामने लाएगी।
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भाजपा विधायक सतीश उपाध्याय ने भी आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “सीएजी रिपोर्ट को लेकर हम पूरी तरह से तैयार हैं। मुझे लगता है कि अब जेल जाने की बारी भ्रष्टाचारियों की है, चाहे वह अरविंद केजरीवाल हों, सोमनाथ भारती या फिर आतिशी। दिल्ली में जल बोर्ड, ट्रांसपोर्ट, स्वास्थ्य विभाग से लेकर स्कूल तक में घोटाला किया गया। निश्चित रूप से ये सब कुछ सीएजी की रिपोर्ट में आएगा। अब इनके जेल जाने की बारी है।”
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भाजपा नेताओं का आरोप है कि दिल्ली सरकार सीएजी की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने से बच रही है। दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “अरविंद केजरीवाल की सरकार आज खुद की 14 सीएजी रिपोर्ट छुपा रही है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इन रिपोर्टों को सार्वजनिक करने से कतरा रही है, क्योंकि इनमें सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप हो सकते हैं।
इस मामले में भाजपा विधायकों ने दिल्ली हाईकोर्ट का भी रुख किया। उन्होंने मांग की कि 2017 से 2021 तक की सीएजी रिपोर्टों को विधानसभा पटल पर रखा जाए। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार, विधानसभा अध्यक्ष, उपराज्यपाल और सीएजी को नोटिस जारी किया है।
आम आदमी पार्टी ने भाजपा के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा झूठे कागजात के आधार पर आरोप लगा रही है। आप नेता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, “आज कुछ कागज लहराते हुए भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह सीएजी रिपोर्ट है। यह सीएजी रिपोर्ट है, जिसे सीएम ने अभी तक नहीं देखा है। न तो एलजी ने इसे देखा, न ही स्पीकर ने इसे देखा और न ही सीएजी की वेबसाइट पर उपलब्ध है, फिर रिपोर्ट उनके पास कहां से आई।