देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्र सिंह धामी ने हिमस्खलन की घटनाओं में कम नुकसान के लिए हिमस्खलन निगरानी तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए हैं। रेस्क्यू अभियान पूरा होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऑपरेशन में भारतीय सेना, आईटीबीपी, सीमा सड़क संगठन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने अदम्य साहस और समर्पण का परिचय दिया।
विषम परिस्थितियों में सर्च और रेस्क्यू अभियान चलाकर 46 जिंदगियां सुरक्षित की। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश 8 श्रम वीरों का जीवन बचाया नहीं जा सका। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लगातार पूरे ऑपरेशन की जानकारी लेते रहे और हर संभव मदद पहुंचाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल में भर्ती घायल श्रमिकों की चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। सरकार पूरी तरह प्रभावितों के साथ खड़ी है और हरसंभव सहायता दी जाएगी और मृतक श्रम वीरों के पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
हिमस्खलन का घटनाक्रम
28 फरवरी को सुबह 8ः30 बजे तहसील जोशीमठ के माणा गेट सीमा सड़क संगठन के षिविर के नजदीक समीप सीमा सड़क संगठन के श्रमिक कार्य कर रहे थे, इस दौरान हिमस्खलन होने से श्रमिक फंस गये। पूर्व में श्रमिकों की संख्या 55 बताई गई थी लेकिन बात में पता चला कि एक श्रमिक अपने घर चला गया था और तब कुल फंसे श्रमिकों की संख्या 54 हो गई।
हिमस्खलन में फंसे कुल श्रमिक 54
सुरक्षित 46
मृतक श्रमिक 08
जोशीमठ में आर्मी अस्पताल में 44 श्रमिकों का उपचार चल रहा है जबकि दो श्रमिक एम्स ऋषिकेश में उपचार के लिए भर्ती किए गए हैं।
प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री की निगरानी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए रखी। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर जानकारी ली और केंद्र से हर प्रकार की सहायता के प्रति आश्वस्त किया। प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय का राज्य सरकार से लगातार समन्वय रहा।
धामी स्वयं पहुंचे ग्राउंड जीरो, कंट्रोल से की निगरानी
मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर नहीं हटाई। वे निरंतर निगरानी करने के साथ ही जिलाधिकारी चमोली के साथ ही सैन्य अधिकारियों से बातचीत करते रहे। मुख्यमंत्री ने पूरे क्षेत्र का हवाई निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री के निर्देशन में आपदा प्रबंधन विभाग ने रेक्क्यू टीमों के साथ समन्वय स्थापित किया और राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से नियमित तौर पर पूरे घटनाक्रम की निगरानी की। खोज एवं बचाव कार्य की पल-पल की जानकारी लेने के साथ ही सभी श्रम वीरों को सुरक्षा की चिंता की। अभियान त्वरित पूरा हुआ और अब सीएम ने भी राहत की सांस ली है।