नोएडा। नोएडा में रहने वाले दो लोगों को साइबर ठगों ने अपने जाल में फंसाकर 52 लाख 34 हजार रुपए ठग लिए है। ठगी की जानकारी होने के बाद पीड़ितों ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाना तथा थाना सेक्टर-126 पुलिस से की। घटना की रिपोर्ट दर्जकर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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पुलिस उपायुक्त साइबर क्राइम प्रीति यादव ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में रहने वाली मीनू रानी नामक महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि बीते 7 जनवरी को उसके व्हाट्स नंबर पर एक मैसेज आया। मैसेज करने वाले ने खुद का नाम हरि सिंह बताया। कथित हरि सिंह ने मीनू को फ्रेंकलिन का कर्मचारी बताते हुए निवेश के बारे में जानकारी देनी शुरु की। उसने बताया कि उसे शेयर बाजार में निवेश के क्षेत्र में 15 साल का अनुभव है। इसके बाद महिला को सी फोर इग्नाइट द स्पार्क ऑफ वेल्थ व्हाट्सऐप ग्रुप में ऐड कर दिया गया। ग्रुप पर कथित हरि सिंह रोज शेयर मार्केट में निवेश संबंधी लेक्चर देते थे। ग्रुप पर सौ से अधिक सदस्य जुड़े हुए थे। कुछ दिन यह चलता रहा। अचानक एक दिन ग्रुप की सदस्य आरती सिंह ने हरि के लेक्चर की पीडीएफ मीनू के मोबाइल पर भेजी।
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आरती सिंह ने शिकायतकर्ता महिला से कहा कि हरि सिंह ने एक महिला की मदद करने के लिए अमेजन से एक हजार रुपये के कई गिफ्ट बाउचर खरीदे हैं। उनकी ओर से मीनू समेत ग्रुप के सभी सदस्यों को गिफ्ट बाउचर दिया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने आरती सिंह द्वार भेजे गए गिफ्ट बाउचर को जब अमेजन पर अपनी आईडी से लॉगइन किया तो उसके खाते में एक हजार रुपये आ गए। इसके बाद हरि सिंह ने मीनू से कहा कि अगर वह उनके कहे अनुसार ट्रेडिंग और शेयर मार्केट में निवेश करेंगी तो तीन से पांच गुना मुनाफा एक महीने में मिलेगा। शिकायतकर्ता महिला को झांसे में लेने के बाद हरि सिंह ने एक खाता खुलवाने के लिए कहा। इसके लिए उसने अकाउंट मैनेजर से बात करने की भी सलाह दी।
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महिला ने शुरुआत में यह खाता नहीं खोला पर हरि सिंह के बार-बार कहने पर उन्होंने निवेश करने की ठानी। ग्रुप के सदस्य भी निवेश पर मुनाफा होने का स्क्रीनशॉट डालते रहे। आखिर महिला ने खाता खुलवाया। ठगों ने महिला को पचास हजार रुपये का निवेश प्रांरभिक चरण में करने को कहा। महिला ने जब यह रकम ठगों द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर की तो जालसाजों द्वारा डाउनलोड कराए गए ऐप पर उसकी मुनाफे की राशि मूल राशि के साथ दिखने लगी। ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में महिला ने अपने पति, सास और रिश्तेदार के खाते से भी ठगों द्वारा बताए गए खाते में रकम ट्रांसफर की।
महिला ने जब एक अन्य करीबी महिला से उधार मांगा तो उसके द्वारा बताया गया कि वह ठगों के जाल में फंस चुकी है। इसके बाद जब शिकायतकर्ता महिला ने ठगों से अपने पैसे वापस करने को कहा तो उन्होंने संपर्क तोड़ लिया और महिला को ग्रुप से ही बाहर कर दिया। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि ठगी की रकम में से 4 लाख 80 हजार रुपये को फ्रीज करा दिया गया है। बाकी की रकम को भी होल्ड और फ्रीज कराने का प्रयास किया जा रहा है। आशंका है कि किराये के खाते में ठगी की सारी रकम ट्रांसफर हुई है। 38 वर्षीय पीड़ित महिला का दावा है कि मुनाफा कमाने के चक्कर में उसने पति और सास की जमा पूंजी तो गंवाई ही है, रिश्तेदारों से भी उधार अलग से ले लिया है। ठगी के बाद से महिला तनाव में है।
थाना सेक्टर-126 के प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र बालियान ने बताया कि विपुल कुमार पाठक ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि आरबीएल क्रेडिट कार्ड यूजर है। पीड़ित के अनुसार उसे आरबीएल क्रेडिट कार्ड से मैसेज आया कि वह अपना फ्री कैश प्वाइंट यूज कर ले। उन्हें एक लिंक भेजा गया। उन्होंने लिंक क्लिक किया। उनके मोबाइल पर आरबीएल एप इंस्टॉल हो गया। पीड़ित के अनुसार थोड़ी देर में उनके क्रेडिट कार्ड से साइबर अपराधियों ने कई बार में करीब एक लाख 34 हजार रुपए निकाल लिया। उन्होंने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर घटना की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।