बेंगलुरु – कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ (केएससीए) ने सोमवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात की और सरकार से 30,000 करोड़ रुपये के उनके लंबित बकाये का भुगतान करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि भुगतान राज्य की वित्तीय स्थिति के अनुसार किया जाएगा।
मुज़फ्फरनगर के मंसूरपुर में गन्ने से भरे ओवरलोड ट्रक के पलटने से 2 युवकों की दर्दनाक मौत, परिजनों में मचा कोहराम
ठेकेदारों के संगठन ने मांग की कि अप्रैल तक 15,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाए। हालांकि सिद्धारमैया ने कहा कि इस तरह का तत्काल भुगतान संभव नहीं है।
मुज़फ्फरनगर में ब्यूटी पार्लर गई युवती का दिनदहाड़े अपहरण का प्रयास, तीन युवक गिरफ्तार
उन्होंने संवाददाताओं से कहा “ मैंने उन्हें बताया कि यह संभव नहीं है और उन्हें आश्वासन दिया कि जब भी संभव होगा, बकाया भुगतान कर दिया जाएगा।” श्री सिद्धारमैया ने बकाया राशि के लिए जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने पूछा “ बजट में धन आवंटित किए बिना, पिछली बीजेपी सरकार द्वारा निविदाएं आमंत्रित की गईं। ठेकेदारों ने भाग लिया और काम शुरू कर दिया। नतीजतन, लंबित बकाया राशि बढ़ गई। क्या वर्तमान सरकार इसके लिए जिम्मेदार है ?”
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि सरकार ठेकेदारों की चिंताओं को स्वीकार करती है लेकिन भुगतान राज्य की वित्तीय क्षमता के आधार पर किया जाएगा।
किसान का चीनी मिल पर बकाया 2 लाख, फिर नहीं दे पा रहा था बच्चों की फीस, कर ली आत्महत्या, MLA ने उठाया मामला
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद केएससीए सदस्यों ने आरोप लगाया कि मौजूदा प्रशासन के तहत सरकारी ठेकों पर कमीशन की मांग बढ़ गई है। एसोसिएशन ने कहा “ अब पहले से ज्यादा कमीशन है। हम इस मुद्दे को लेकर एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी सहित शीर्ष कांग्रेस नेताओं के समक्ष शिकायत दर्ज कराएंगे।”
एसोसिएशन ने भुगतान में तेजी लाने के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से हस्तक्षेप करने की मंशा भी जताई है।
श्री सिद्धारमैया ने कहा “ खड़गे और राहुल से मिलने के लिए उनका स्वागत है। हमें कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि हम राज्य की वित्तीय स्थिति के आधार पर बिलों का भुगतान करेंगे।”