मुज़फ्फरनगर। जनपद में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। थाना सिविल लाइन क्षेत्र की कचहरी में एक महिला अधिवक्ता के साथ उसके पति ने सरेआम मारपीट की और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने के लिए पीड़िता को आला अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
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घटना 4 मार्च 2025 की है, जब महिला अधिवक्ता (काल्पनिक नाम मानसी) अपने पति के खिलाफ चल रहे मामले की मीडिएशन के लिए मुज़फ्फरनगर कचहरी पहुंची थीं। आरोप है कि कचहरी परिसर में उनके पति अंशुमान ने उन पर अश्लील गालियों की बौछार करते हुए जींस की बेल्ट से बुरी तरह पीटा, जिससे महिला को गंभीर चोटें आईं। इसके बाद अंशुमान मौके से फरार हो गया। घायल अवस्था में मानसी थाना सिविल लाइन पहुंचीं और मामले की जानकारी दी। पुलिस ने मेडिकल मुआयना तो कराया, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की।
मानसी का आरोप है कि वह न्याय के लिए पुलिस के आला अधिकारियों से लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तक गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। थक-हारकर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पुलिस महानिदेशक लखनऊ, अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ परिक्षेत्र, राज्य महिला आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र भेजकर न्याय की मांग की है।
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मानसी ने बताया कि उनकी शादी 2021 में कानपुर निवासी अंशुमान से हुई थी, जो मुज़फ्फरनगर में ग्लोबल टेक्निकल सर्विस का मालिक है। शादी के कुछ समय बाद से ही अंशुमान ने उनके साथ मारपीट, मानसिक उत्पीड़न और दहेज की मांग शुरू कर दी थी, जिसके चलते दोनों पिछले एक साल से अलग रह रहे हैं।
इसके अलावा, मानसी ने अंशुमान पर कचहरी परिसर में बिना रजिस्ट्रेशन के खुद को अधिवक्ता बताने और उनके खिलाफ दो दर्जन से अधिक झूठे मुकदमे दर्ज कराने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने मुज़फ्फरनगर बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिव कुमार गौड़ से मिलकर मामले की शिकायत की है, जिस पर गौड़ ने उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।