नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया है। केंद्र के इस फैसले के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने इस फैसले का स्वागत किया है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, “केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जातिगत जनगणना की घोषणा की है, हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। काफी दिनों से हमारी यह मांग थी। राहुल गांधी ने हर समाज के स्क्रीनिंग की बात की थी। हर समाज को अधिकार मिले और विशेष रूप से ओबीसी समाज को। जब केंद्र में हमारी सरकार थी, तो जनगणना कराई गई थी। 2011 तक जनगणना पूरी हुई, लेकिन इसे लागू करने के लिए बहुत सारी दिक्कतें लाई गईं। अभी की सरकार ने उस समय इसका पुरजोर विरोध किया था। सरकार को जातिगत जनगणना के साथ ही ओबीसी की जनसंख्या के हिसाब से उनका हक देना चाहिए।” कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा, “कांग्रेस की जीत हुई है और मोदी सरकार को झुकना पड़ा।
पूरा बहुजन समाज राहुल गांधी को धन्यवाद देता है। सरकार को यह मजबूरन करना पड़ा। तेलंगाना और कर्नाटक में हमारी सरकार ने जाति का पूरा आंकड़ा इकट्ठा कर लिया है। जिस तरह से शरीर के एक्सरे से पता चलता है कि शरीर में क्या रोग है, उसी तरह जातिगत जनगणना से पता चलेगा कि कौन सा समाज कितना पिछड़ा है और उसे ऊपर उठाने के लिए कितना व किस तरह की योजनाओं को लाना पड़ेगा। यह देशहित में है। यह फैसला स्वागत योग्य है और असली जीत राहुल गांधी की हुई है।” समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा, “सपा बहुत लंबे समय से जातिगत आधार पर जनगणना कराने की मांग कर रही थी। आज केंद्र सरकार ने सपा की उस मांग को स्वीकार कर लिया है। यह देश के गरीबों और पिछड़ों की संघर्षों की जीत हुई है। इससे समाज के दलितों, पिछड़ों और कमजोर वर्ग के लोगों को उनका हक, सम्मान और अधिकार मिलेगा। सपा चाहती है कि जिस जाति की जितनी संख्या हो, उसकी उतनी भागीदारी हो।”