गाजियाबाद। गाजियाबाद में सिविल डिफेंस द्वारा ब्लैकआउट मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह अभ्यास सुबह 9 बजे से शुरू हुआ, जिसमें सात राज्यों और 244 जिलों के 10 स्कूलों में ड्रिल कराई गई। इसके बाद रात में गाजियाबाद की पांच प्रमुख सोसायटियों में ब्लैकआउट मॉक ड्रिल कराई गई।
वसुंधरा सेक्टर-18 स्थित अपेक्स सोसायटी में आम लोगों को ब्लैकआउट ड्रिल का अभ्यास कराया गया। इस दौरान लोगों को बताया गया कि हवाई हमले जैसी आपात स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया करनी चाहिए।
नियमों के अनुसार, ब्लैकआउट के दौरान घरों की सभी बत्तियां बंद कर दी जानी चाहिए। यदि कोई अत्यंत आवश्यक कार्य हो, तो केवल मोमबत्ती का सीमित प्रयोग करें। खिड़कियों के पर्दे पूरी तरह से ढक दिए जाएं ताकि भीतर से रोशनी बाहर न जाए। साथ ही, लोगों को सलाह दी गई कि घर में कम से कम एक महीने का राशन पहले से एकत्रित रखें ताकि ऐसी स्थिति में बाहर निकलने की आवश्यकता न पड़े।
ड्रिल के तहत पहले सायरन बजाया गया, जिसके संकेत पर ब्लैकआउट शुरू किया गया। सोसायटी की लाइटें और जनरेटर पूरी तरह बंद कर दिए गए, जिससे पूरा क्षेत्र अंधेरे में डूब गया। कुछ समय बाद, दूसरा सायरन बजा, जो संकेत था कि खतरा टल चुका है और इसके बाद बिजली की आपूर्ति पुनः शुरू की गई।
सिविल डिफेंस अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की ड्रिल्स का उद्देश्य आम जनता को आपातकालीन परिस्थितियों के लिए मानसिक और व्यवहारिक रूप से तैयार करना है।