मुज़फ्फरनगर। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र मुज़फ्फरनगर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिले की पुलिस ने संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए कमर कस ली है। इसी क्रम में शुक्रवार को पुलिस लाइन में दंगा नियंत्रण योजना (Anti-Riots Plan) का व्यापक रिहर्सल किया गया।
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इस मॉक ड्रिल के दौरान एक नकली दंगे की स्थिति को दर्शाया गया, जिसमें कथित उपद्रवियों द्वारा हंगामा किए जाने का दृश्य प्रस्तुत किया गया। पुलिस बल ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए रबर बुलेट, आंसू गैस के गोले और चेतावनी घोषणाओं का प्रयोग किया। ड्रिल में दंगा नियंत्रण के विभिन्न चरणों का अभ्यास कराया गया, जिससे पुलिस बल को वास्तविक स्थिति से निपटने में कोई कठिनाई न हो।
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एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि यह रिहर्सल जिले की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। उन्होंने कहा कि हमारी तैयारी हर हालात से निपटने के लिए पूरी है। आज का अभ्यास बहुत सफल रहा। सभी टीमें सक्रिय रहीं और जिन हथियारों और उपकरणों का इस्तेमाल किया गया, वे पूरी तरह प्रभावी साबित हुए।”
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उन्होंने बताया कि दंगा नियंत्रण की प्रक्रिया में कई चरण होते हैं। पहले उपद्रवियों को चेतावनी दी जाती है, फिर लाठीचार्ज की आवश्यकता पड़ने पर कार्रवाई की जाती है। इसके बाद अगर स्थिति नियंत्रण में नहीं आती तो रबर बुलेट और आंसू गैस के गोले छोड़े जाते हैं। सबसे अंतिम विकल्प के तौर पर अत्यधिक बल प्रयोग किया जाता है। इस रिहर्सल में सभी इकाइयों — जैसे फायर सर्विस, LIU, QRT और एंटी-रायट्स स्क्वॉड — ने भाग लिया।
एसपी सिटी, एसपी देहात, सभी सीओ, थानाध्यक्ष और उनके हमराही पुलिसकर्मियों ने भी इस रिहर्सल में सक्रिय भागीदारी की।