सुल्तानपुर। सुल्तानपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन के अभाव में एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई। बुधवार दोपहर को बुजुर्ग को सांस लेने में दिक्कत हुई। जिसके बाद बुजुर्ग ने अपनी पत्नी की गोद में दम तोड़ दिया। सांस लेने में दिक्कत के बाद वह इलाज के लिए बुधवार सुबह ओपीडी में पहुंचा था। वहां डॉक्टर को दिखाने के लिए लंबी लाइन लगी थी। ओपीडी के बाहर अपनी बारी का इंतजार करते हुए बुजुर्ग की मौत हो गई। मामले का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें पत्नी की गोद में पति की लाश पड़ी है और वह बिलख-बिलख कर रो रही हैं।
पत्नी ने कहा, पहले मैं लाइन में लगी थी। जब हालत ज्यादा बिगड़ गई तो मैं लाइन छोड़कर पति के पास आ गई। मैं उनका सिर अपनी गोद में रखकर डॉक्टर को बुला रही थी। करीब डेढ़ घंटे से पति की उल्टी सांस चल रही थी। हालत बिगड़ने के बाद भी कोई डॉक्टर देखने नहीं आया। पति की मौत हो गई।
डॉक्टर ने कहा- टीबी रोग से पीड़ित था बुजुर्ग
मामले पर मेडिकल कॉलेज के फिजिशियन डॉ राम धीरेंद्र ने बताया कि जिस वृद्ध की मौत हुई है, वह टीबी रोग से पीड़ित था। ऑक्सीजन सैचुरेशन काफी कम हो गया था। सांस लेने में दिक्कत थी, जिसकी वजह से मौत हो गई। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
मुसाफिरखाना के रसूलाबाद निवासी विदेशी (70) को सांस लेने में दिक्कत थी। बुजुर्ग को पहले मुसाफिरखाना सीएचसी लाया गया था। जहां से डॉक्टरों ने सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। बुजुर्ग को 108 एम्बुलेंस से लगभग 11 बजे मेडिकल कॉलेज लाया गया। जहां OPD के बाहर भारी भीड़ थी। यहां पहुंचने के डेढ़ घंटे के बाद लगभग 12:30 बजे बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। बुजुर्ग का एक बेटा और 4 बेटियां हैं। बेटे का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है।
मृतक की पत्नी ने बताया, जब हम OPD पहुंचे तो वहां मरीजों की लंबी लाइन लगी थी। कुछ देर तक वहां अपनी बारी का इंतजार करते रहे। जब हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो इसकी सूचना डॉक्टरों को दी गई। इसके बावजूद कोई डॉक्टर पति को देखने नहीं आया। मेरे पति दो साल से टीबी रोग से पीड़ित थे। इनका इलाज मुसाफिरखाना सीएचसी में चल रहा था।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य बोले- होगी आवश्यक कार्रवाई
पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सलिल श्रीवास्तव ने जांच कर आवश्यक कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा, मुझे मामले की जानकारी नहीं है। लेकिन प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से वार्ता कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।