Tuesday, November 5, 2024

सुपरटेक ग्रुप की मेरठ और रुद्रपुर में 40.39 करोड़ की संपत्ति कुर्क, ईडी ने कसा शिकंजा

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने उत्तराखंड के रुद्रपुर और उत्तर प्रदेश के मेरठ में मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में सुपरटेक ग्रुप ऑफ कंपनीज और उनके निदेशकों की 25 अचल संपत्तियों को कुर्क किया है, जिनकी कीमत 40.39 करोड़ रुपये है।

दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज विभिन्न एफआईआर के आधार पर सुपरटेक ग्रुप ऑफ कंपनीज और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जांच शुरू की गई थी।

सभी एफआईआर में यह आरोप लगाया गया था कि कंपनी और उसके निदेशक अपनी रियल एस्टेट परियोजनाओं में बुक किए गए फ्लैटों के खिलाफ संभावित खरीदारों से अग्रिम रूप से धन एकत्र करके लोगों को धोखा देने की आपराधिक साजिश में शामिल थे और समय पर फ्लैटों का कब्जा प्रदान करने के लिए अपने सहमत दायित्वों का पालन करने में विफल रही, और इस प्रकार, प्राथमिकी के अनुसार, कंपनी ने जनता को धोखा दिया।

ईडी द्वारा पीएमएलए के प्रावधानों के तहत की गई जांच से पता चला है कि सुपरटेक लिमिटेड और समूह की कंपनियों ने होमबॉयर्स से धन एकत्र किया और फ्लैटों के निर्माण के उद्देश्य से बैंकों से परियोजना विशिष्ट अवधि के ऋण भी लिए। हालांकि, इन फंडों का गबन किया गया और समूह की अन्य कंपनियों के नाम पर भूमि की खरीद के लिए डायवर्ट किया गया, जिन्हें फिर से बैंकों से धन उधार लेने के लिए संपाश्र्विक के रूप में गिरवी रखा गया था।

ईडी ने कहा, आगे की जांच में पता चला है कि सुपरटेक समूह ने भी बैंकों/वित्तीय संस्थानों को अपने भुगतान में चूक की और वर्तमान में लगभग 1,500 करोड़ रुपये के ऋण एनपीए बन गए हैं।

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