Saturday, November 23, 2024

असद के जनाजे में पहुंच सकती है शाइस्ता, पुलिस अलर्ट, अतीक और अशरफ नहीं देख पाएंगे अंतिम बार चेहरा

प्रयागराज,- असद की सुपुर्द-ए-खाक की तैयारी में शाइस्ता परवीन के पहुंचने की आशंका पर महिला पुलिसकर्मियों को चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गये हैं।


माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद के तीसरे नंबर के बेटे असद और शूटर मोहम्मद गुलाम को गुरूवार को झांसी में यूपीएसटीएफ ने मुठभेड़ में ढ़ेर कर दिया। गुलाम के शव को परिजनों ने लेने से मना कर दिया जबकि असद का शव लेने के लिए फूफा, नानू और एक वकील झांसी गए हैं।


पुलिस सूत्रों ने बताया कि असद के जनाजे में शामिल होने के लिए उसकी फरार मां शाइस्ता के शामिल होने के आसार हैं। झांसी से प्रयागराज बेटे का शव पहुंचने के बाद उसके शामिल होने की संभावना है। शाइस्ता की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने पूरी तैयारी की है।


उन्होंने बताया कि भीड़ के बीच सादी वर्दी के साथ नकाबपोश महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गयी है। इस दौरान महिला पुलिस कर्मियों को बेहद चौकन्ना रहने के लिए निर्देशित किया गया है।


गौरतलब है कि उमेश पाल की हत्या में भूमिका निभाने वाली अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन फरार चल रही है। पुलिस ने उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया है। इस हत्याकांड में अतीक अहमद, भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दोनो बेटो के साथ नौ अन्य लोगों के खिलाफ उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने रिपोर्ट दर्ज करायी है।

असद की झांसी में यूपी एसटीएफ के साथ गुरूवार को हुई मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उसको सुपुर्द-ए-खाक की तैयारी पुश्तैनी कब्रिस्तान कसारी मसारी में की गई है।

अतीक के पांच बेटों में असद तीसरे नंबर पर था। इसके दो बेटे मोहम्मद उमर और अली मोहम्मद लखनऊ और नैनी जेल में बंद हैं। दोनो नाबालिग बेटे एहजम और आबान धूमनगंज थाना क्षेत्र के राजरूपपुर स्थित बाल सुधार गृह में हैं।

असद का कब्र खोदने वाले जानू खां ने बताया कि सुबह से तैयारी की जा रही है। यह कब्र आठ फिट गहरी और साढ़े छह फिट लम्बी है। उन्होंने बताया कसारी मसारी में यह अतीक अहमद की पुश्तैनी कब्रिस्तान है। यहीं पर उनके पिता हाजी फिरोज और मां को भी सुपुर्द-ए-खाक किया गया है। असद को उसकी दादी के बगल में सुपुर्द-ए-खाक के लिए कब्र खोदी गयी है।

अतीक अहमद के अधिवक्ता विजय मिश्र ने बताया कि झांसी से असद का शव लाने के लिए फूफा, नानू और वकील राज गए हैं। उन्होंने बताया कि अदालत से अतीक अहमद और भाई अशरफ को सुपुर्द-ए-खाक में शामिल होने के लिए इजाजत नहीं मिली जिस कारण अंतिम क्षणो में भी बेटे का मुंह नहीं देख सकेंगे।

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