नई दिल्ली। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने पत्रकारों के लिए सुरक्षित माहौल में काम करने के लिए केंद्र सरकार से पत्रकार सुरक्षा कानून और नेशनल रजिस्टर फॉर जर्नलिस्ट्स बनाने का मांग की है। इसके साथ ही दोनों संगठनों ने मीडिया में बड़े पैमाने पर हो रहे बदलावों के मद्देनजर मीडिया काउंसिल और मीडिया कमीशन के गठन की मांग की है। पत्रकार संगठनों की तरफ से राज्यों में पत्रकारों को मान्यता देने के मामले में भेदभाव बरतने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिना डालने का फैसला किया गया है।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से संबद्ध एनयूजे-आई के अध्यक्ष रास बिहारी ने बुधवार को आयोजित एक बैठक में कहा कि प्रयागराज में पत्रकार बनकर बदमाशों द्वारा माफिया सरगना और उसके भाई की हत्या के बाद मीडिया के सामने बड़ी समस्या आ रही है। उन्होंने कहा कि मीडिया के लिए तो पहले सही दिशा-निर्देश बने हुए है। जरूरत तो फर्जी खबरों और फर्जी पत्रकारों पर रोक लगाने की है। फर्जी पत्रकारों और फर्जी खबरों पर पत्रकार सुरक्षा कानून और राष्ट्रीय पत्रकार रजिस्टर बनाकर रोक लगाई जा सकती है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें दिशा निर्देश बनाएं।
एनयूजे महासचिव प्रदीप तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार को मीडिया में बदलावों को देखते हुए तुरंत प्रभाव से मीडिया काउंसिल का गठन करना चाहिए। कोषाध्यक्ष डॉ अरविन्द सिंह ने कहा कि देश में दो प्रेस आयोग का गठन किया गया। अब मीडिया की स्थिति का अध्ययन करने के लिए मीडिया कमीशन बनाने की आवश्यकता है।
दिल्ली पत्रकार संघ के संयोजक राकेश थपलियाल, सहसंयोजक प्रमोद कुमार सिंह, के पी मलिक ने कहा कि फर्जी पत्रकारों के कारण बार-बार पत्रकारों को काम करने में समस्या पैदा होती है। सभी पत्रकारों की तरफ से छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने को लेकर बघेल सरकार का धन्यवाद किया गया। बैठक में फैसला किया गया है कि पत्रकार संगठनों की मांगों को लेकर जल्दी ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन दिया जाएगा। बैठक में पत्रकारों की मांगों को लेकर सभी राज्यों में अभियान चलाने का फैसला किया गया।
बैठक में सचिव अमलेश राजू, दिल्ली पत्रकार संघ के संयोजक राकेश थपलियाल, सहसंयोजक प्रमोद कुमार, के पी मलिक, वरिष्ठ पत्रकार मनोज वर्मा, मुकेश वत्स, प्रतिभा शुक्ल, संतोष सूर्यवंशी, प्रदीप श्रीवास्तव, अनुराग पुनेठा, अतुल मिश्र, रविन्द्र मिश्र, नेत्रपाल शर्मा आदि ने विचार रखे।