नई दिल्ली। जल्द ही देशभर के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के छात्रों के लिए एक नया पाठ्यक्रम उपलब्ध होगा। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने नया पाठ्यक्रम तैयार किया है और इसे अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा है। गुरुवार को आईसीएआई के अध्यक्ष अनिकेत सुनील तलाती ने यह जानकारी दी।
यह भी महत्वपूर्ण है कि नए पाठ्यक्रम पर आवश्यक मंजूरी के बाद सीए आर्टिकलशिप प्रोग्राम भी 3 साल से घटाकर 2 साल कर दिया जाएगा। इस समय सीए कोर्स में आर्टिकलशिप की अवधि 3 वर्ष है। इस प्रावधान के तहत आकांक्षी छात्रों के लिए पहले दो वर्षो की प्रशिक्षण अवधि एक सीए फर्म के साथ गुजरना अनिवार्य है। हालांकि, तीसरे वर्ष में छात्रों के पास यह विकल्प होता है कि वे उसी सीए के तहत प्रशिक्षण जारी रखें या औद्योगिक प्रशिक्षण का चयन करें।
आईसीएआई के अध्यक्ष ने कहा कि नए पाठ्यक्रम के तहत आईसीएआई ने सीए विनियमों के मसौदे को अधिसूचित किया है, जिसमें अनिवार्य आर्टिकलशिप की समय अवधि को घटाकर 2 वर्ष करने का प्रस्ताव है। आईसीएआई ने कहा कि चार्टर्ड एकाउंटेंट पाठ्यक्रम के अलावा छात्र अकाउंटस और कॉमर्स जैसे विषयों में कुछ बदलाव देखेंगे।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष अनिकेत सुनील तलाती ने कहा कि 3.75 लाख से अधिक सदस्यों और 7.80 लाख से अधिक छात्रों के साथ आईसीएआई दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी लेखा संस्था है। अपनी 5 क्षेत्रीय परिषदों, 168 शाखाओं, 45 विदेशी शाखाओं और 33 प्रतिनिधि कार्यालयों के माध्यम से संस्थान समावेशी विकास के अपने एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है और पेशे को गौरव प्रदान करना जारी रखे हुए है।
आईसीएआई की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका को साझा करते हुए तलाती ने कहा, “आईसीएआई का नियामक ढांचा एक जटिल प्रणाली है, जिस पर दुनिया के सबसे बड़े लेखा निकायों में से एक का पवित्र, गौरवशाली और सम्मानजनक ढांचा खड़ा है। आईसीएआई अपने अनुशासनात्मक निदेशालय, वित्तीय रिपोर्टिग समीक्षा बोर्ड, सहकर्मी समीक्षा बोर्ड, कराधान लेखा परीक्षा गुणवत्ता समीक्षा बोर्ड, लेखापरीक्षा गुणवत्ता केंद्र के साथ मिलकर अपने नियामक और अनुशासनात्मक तंत्र को और अधिक मजबूत और उत्तरदायी बनाने के लिए जोरदार और रचनात्मक प्रयास कर रहा है।
उन्होंने अनुशासनात्मक मामलों के बारे में बात करते हुए कहा, अनुचित गतिविधियों में लिप्त चार्टर्ड अकाउंटेंट के कुछ मामलों में हमने कार्रवाई करते हुए सदस्यों को जीवन भर के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। हम यहां अपने पेशे के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए हैं और हमने ऐसे मामलों से निपटने के लिए हर संभव तंत्र को तैयार रखा है।
उन्होंने बताया कि 2007 से 31 मार्च, 2023 तक नए अनुशासन कमेटी के तहत पंजीकृत कुल मामले 6766 हैं, जिनमें से 4249 मामलों का निष्कर्ष निकाला गया है, जो कि 62.80 प्रतिशत है। शेष मामले या तो प्रथम स्तर पर हैं या अनुशासन समिति के बोर्ड के समक्ष सुनवाई के स्तर पर हैं। तलाती ने कहा कि परिषद वर्ष 2022-23 में अनुशासन एवं अनुशासन समिति की कुल 112 बैठकें हुईं, जिनमें 132 मामलों में सुनवाई पूरी की गई और 91 मामलों में सजा दी गई।