नई दिल्ली। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने गुरुवार को कैश-स्ट्रैप्ड एयरलाइन गो फस्र्ट की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें स्वैच्छिक दिवाला समाधान कार्यवाही की मांग की गई थी। रिपोर्ट में बताया गया- अध्यक्ष, न्यायमूर्ति रामलिंगम सुधाकर की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने दिन भर की सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया चूंकि एयरलाइन के पट्टेदारों ने दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू करने के उसके अनुरोध का विरोध किया।
पट्टेदारों ने एयरलाइन की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि, उन्हें सुने बिना दिवाला कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती। इस बीच गो फस्र्ट ने 5 मई तक अपनी उड़ानें स्थगित कर दी हैं, इसके चालक दल के कई सदस्य, पायलट और केबिन क्रू, देश के साथ-साथ विदेशों में भी विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं।
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य पूर्व के स्थानों के लिए निर्धारित कई उड़ानें गो फस्र्ट द्वारा निलंबित कर दी गई हैं, जिसके कारण चालक दल के सदस्य बैंकॉक, फुकेत और मस्कट जैसी जगहों पर फंसे हुए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इन चालक दल के सदस्यों के लिए स्थिति और भी अधिक दबाव वाली है क्योंकि वह हवाईअड्डों के बाहर कदम नहीं रख सकते हैं, क्योंकि उनके पास अनुमति नहीं है।