Monday, November 25, 2024

पायलट ने ट्विटर पर भी दोहराई अपनी 3 मांगें, राजस्थान सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम

जयपुर। कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी जन संघर्ष यात्रा के समापन के दौरान अपनी मांगों को पूरा करने के लिए राजस्थान सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया। कांग्रेस नेता ने मंगलवार को अब ट्विटर के माध्यम से अपनी मांगों को दोहराया है। पायलट ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि हमने जन संघर्ष सभा में तीन मांगें रखी हैं। पहली- वसुंधरा सरकार में भ्रष्टाचार की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाए। दूसरी- भ्रष्टाचार और पेपर लीक की लगातार घटनाओं के कारण, वर्तमान आरपीएससी के पुनर्गठन और चयन प्रक्रिया के लिए स्पष्ट संस्थागत मानदंड और पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए और तीसरी- पेपर लीक से प्रभावित युवाओं को उचित आर्थिक मुआवजा दिया जाना चाहिए।

पायलट ने कहा कि इस महीने के अंत तक राज्य की जनता से जुड़ी इन महत्वपूर्ण मांगों पर उचित कदम उठाए जाने का इंतजार किया जाएगा। इस बीच, गहलोत खेमे के मंत्रियों, मुख्य रूप से राज्य के मंत्री महेश जोशी, रामलाल जाट और सुभाष गर्ग ने एक या एक मुद्दे पर पायलट पर पलटवार किया।

वहीं डीडवाना विधायक चेतन डूडी ने पायलट पर युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगाया। मंत्री सुभाष गर्ग ने पायलट पर मौद्रिक लाभ (सुपारी) लेने का आरोप लगाया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गहलोत सरकार फिर से सत्ता में न आए।

गर्ग ने ट्वीट करते हुए लिखा, यह बात आलाकमान को पता हो या न हो, सरकार फिर से न बने इसके लिए सुपारी किसने ली है? बजट और महंगाई राहत शिविर अभियान के बाद प्रदेश में बना माहौल सुपारी लेने वालों के गले नहीं उतर रहा है।

राजस्थान का सबसे बड़ा संजीवनी घोटाला है, इसमें लाखों लोगों के घर लूटे गए। रैली में संजीवनी घोटाले के मुख्य आरोपी का नाम तक नहीं बताया गया और रैली के बाद मुख्य आरोपी ने पायलट की तारीफ में ट्वीट किया। यह है आज की रैली का सच, क्योंकि दोस्ती मानेसर के जमाने से है।

डूडी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि पायलट द्वारा उठाए गए तीन मुद्दे अव्यावहारिक और समझ से परे हैं। उन्होंने सवाल किया कि पायलट साहब, बताएं कि वसुंधरा सरकार के कौन से मामले अभी भी लंबित हैं, आप किसकी जांच कराना चाहते हैं।

डूडी ने कहा कि सरकार आते ही सबसे पहले इन सभी मामलों को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने सुलझाया है। सभी खदानों को भी रद्द कर दिया गया है।

राजस्थान में पेपर लीक के मामले में 150 से अधिक लोगों को जेल हो चुकी है। पेपर लीक पर विशेष कानून और एसटीएफ बनाया गया है। यहां प्रतियोगी परीक्षा नहीं करा पाने पर परीक्षा शुल्क वापस कर दिया गया है। अब सरकार में वन टाइम रजिस्ट्रेशन लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके बाद परीक्षाओं के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

डूडी ने लिखा कि पेपर लीक होने पर मुआवजे की मांग केवल उनकी झूठी तारीफ के लिए है, क्योंकि ऐसा किसी राज्य में नहीं होता है। इसके अलावा जल आपूर्ति मंत्री महेश जोशी ने भी ट्वीट कर पायलट पर पलटवार किया है।

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह बेहद आश्चर्यजनक और खेदजनक है कि कुछ जिम्मेदार लोग अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं।

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