Sunday, November 24, 2024

नोएडा में फर्जी दस्तावेज और फर्जी कंपनियां बनाकर बैंकों से लोन लेकर 23 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले 8 गिरफ्तार

नोएडा | नोएडा एसटीएफ और थाना फेस 1 की टीम ने फर्जी दस्तावेज बनाकर तथा फर्जी रूप से अलग-अलग व्यक्तियों की आईडी एवं प्राइवेट लि. कम्पनियां बनाकर धोखाधड़ी कर बैंकों से लोन लेकर बैंकों को लगभग 23 करोड़ रुपए की आर्थिक हानि पहुंचाने वाले 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने इनसे 395 चेक बुक, 327 डेबिट कार्ड, 278 पैन कार्ड, 93 आधार कार्ड, 23 जीएचसीएल कम्पनी के आईडी कार्ड, एक नोट गिनने की मशीन, एक आईकार्ड बनाने की मशीन बरामद, 30 विभिन्न कम्पनियों की मोहरें, पैन ड्राईव बरामद, 187 मोबाइल, 3 कार, 2 बाइक, 3 लैपटॉप बरामद और 1,09,100 रुपए नकद बरामद हुए हैं।

पुलिस ने अभियुक्त 1.अनुराग चटकारा उर्फ अनुराग अरोडा 2.अमन शर्मा 3.दानिश छिब्बर 4.वसीम अहमंद 5.मोहसिन 6.जीतू उर्फ जितेन्द्र 7.रविकान्त मिश्रा व 8.तनुज शर्मा को जेवर टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया है। इनके खिलाफ पुलिस को डिप्टी वाईस प्रेसिडेंट क्रेडिट एन्टेलीजेंस एवं कंट्रोल एच.डी.एफ.सी. बैंक लिमिडिट की तरफ से लिखित शिकायत 12 मई को दी गई थी।

पुलिस से मिली जनाकारों के मुताबिक अभियुक्तों द्वारा विभिन्न फर्जी नामों से फर्जी आधार कार्ड बनवाकर इन्ही फर्जी नाम से पैन कार्ड बनाकर तथा आरओसी में कम्पनी रजिस्टर कराकर अलग-अलग बैंको मे खाते खुलवाते हैं, इस प्रकार खोले गये खातों मे फर्जी कम्पनी के खाते से सैलरी के रुप मे धन ट्रान्सफर करते हैं। उस धन को एटीएम से निकालकर पुन: उसी कम्पनी के खाते में जमा करा देते हैं। इस प्रकार 6-7 महीने सैलरी देने पर ऐसा खातेदार लोन के लिये उपर्युक्त हो जाता है।

तब ये लोग आनलाइन लोन एप्लाई करके तथा कई अन्य फाईनेन्स कम्पनियों से कार, मोबाइल व अन्य वस्तुएं फाईनेन्स कराते हैं। लोन के रुपयों को एटीएम के माध्यम से निकालकर तथा फाईनेन्स की वस्तुओं को गबन करके ये लोग बैंक को वापस नहीं करते हैं, क्योकि यह सब काम गलत नामों से किया जाता है, अत: बैंक इनको पकड़ नहीं पाता है। ये लोग यह काम किराए के फ्लैट लेकर करते हैं।

अभियुक्तों द्वारा जी.एच.सी.एल कम्पनी के नाम से मिलजी जुलती जी.एच.सी.एल टै0प्रा0लि0 नाम की फर्जी कम्पनी बनाकर फ्रॉड का काम सेक्टर-119 मे एक फ्लैट लेकर किया गया था। इन लोगों ने अभी तक एचडीएफसी सहित अन्य बैंको से लगभग 23 करोड़ रुपए लोन के रूप में लिये है और वापस नहीं किये।

इस प्रकार बैंकों को लगभग 23 करोड़ रुपए की हानि पहुँचायी है। यह भी उल्लेखनीय है कि जी.एच.सी.एल (फर्जी कम्पनी) कम्पनी ने ई.पी.एफ.ओ में कम्पनी के कर्मचारी के खाते खुलवा रखे थे और समय समय पर ई.पी.एफ.ओ के खाते में पैसा जमा करते थे, जिससे कम्पनी का अस्तित्व सही प्रतीत हो और फर्जी कर्मचारी दर्शाकर कर्मचारी के नाम पर लोन लेते समय बैंकों को कोई शक न हो।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय