मुजफ्फरनगर- मीरापुर विधानसभा की मतगणना के बीच आज केंद्रीय जीएसटी की टीम ने मुजफ्फरनगर में छापेमारी की और भाजपा नेता और पालिका चेयरमैन के पुत्र समेत शहर के एक और प्रमुख उद्यमी को अपनी हिरासत में ले लिया, देर शाम उन्हें जुर्माना जमा कराकर रिहा भी कर दिया गया। साथ ही राज्य की जीएसटी भी एक स्टील फैक्ट्री पर छापेमारी कर रही है , जो समाचार लिखे जाने तक चल रही थी। स्थानीय जीएसटी अधिकारियों का कहना है कि इनकम टैक्स और जीएसटी चोरी का मामला है, जिसके लिए अधिकारियों ने पूछताछ की है। हमें इस मामले में इंवॉल्व नहीं किया गया है।
शनिवार सुबह केंद्रीय जीएसटी की इकाई डीजीसीआई की टीम ने एडिशनल डायरेक्टर मीनू शुक्ला पाठक और डिप्टी डायरेक्टर कपिल जोशी के नेतृत्व में मुजफ्फरनगर में नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप के आवास पर छापा मारा, मीनाक्षी स्वरूप के पति गौरव स्वरूप मुजफ्फरनगर के प्रमुख उद्योगपति हैं और श्री जय बालाजी के नाम से स्टील फैक्ट्री समेत कई अन्य उद्योग धंधे चलाते हैं।
जीएसटी की इस टीम ने धारा 132 के तहत कर अपवंचन में 5 करोड़ से अधिक की कर चोरी के सबूत मिलने पर भाजपा नेता गौरव स्वरूप और पालिका चेयरमैन मीनाक्षी स्वरुप के छोटे बेटे कार्तिक स्वरूप को अपनी हिरासत में ले लिया और अपने साथ मेरठ मुख्यालय ले गई।
गौरव स्वरूप भी अपनी इच्छा से अपने बेटे के साथ टीम के साथ चले गए, वहीं जीएसटी की एक और टीम ने गौरव स्वरूप के समधी और मुजफ्फरनगर के एक अन्य प्रमुख उद्यमी एसडी एसोसिएशन के सचिव आकाश कुमार के आवास पर भी छापा मारा, लेकिन वे अपने आवास पर नहीं थे, पर वे खुद ही मेरठ पहुंच गए, जहां उनको भी हिरासत में ले लिया गया।
मेरठ रोड पर श्री जय बालाजी स्टील्स के नाम से जो फैक्ट्री चलती है, उसमें आकाश कुमार और गौरव स्वरूप के बेटे कार्तिक स्वरूप ही डायरेक्टर हैं और क्योंकि कर चोरी 5 करोड़ से ज्यादा की मानी गई है, इसलिए दोनों डायरेक्टर को हिरासत में लिया गया है।
कानून के जानकारो के मुताबिक कर अपवंचन के इस तरह के मामलों में एक निश्चित राशि जमा करने के बाद उन्हें बाकी राशि जमा करने की मोहलत देकर छोड़ा जा सकता है, उसी के आधार पर दिन भर आकाश कुमार और कार्तिक स्वरुप से जीएसटी के अफसरों ने पूछताछ की और देर शाम जुर्माने का चेक लेकर उन्हें छोड़ दिया गया और देर शाम वे अपने घरों पर लौट आये।
दरअसल यह मामला पिछले कई साल से चल रहा है, भारतीय जनता पार्टी की नयी मंडी की सभासद के पति विकल्प जैन का एक फर्जी बिलों का रैकेट चलता है, जिसमें मुजफ्फरनगर के कई फैक्ट्री मालिक फर्जी बिलों के इस गोरखधंधे में शामिल है, उस मामले में विकल्प जैन जेल भी गए थे।
टिहरी स्टील पर भी फर्जी बिलों के इस मामले में कुछ माह पहले छापे मारी की गई थी, जिसमे उनके अकॉउंटेंट जेल भी गए थे और उन्होंने भी करोड़ों रूपया जमा कराकर अदालत से राहत हासिल की हुई है। बताया जाता है कि उस समय पकडे गए कागजों के क्रम में ही कई साल से लगातार यह जांच चल रही है और जीएसटी और आयकर विभाग की टीम कार्यवाही कर रही है।
इसी बीच मुजफ्फरनगर में ही आज स्टेट जीएसटी की टीम ने भोपा रोड स्थित सिद्धबली स्टील पर भी छापा मार दिया है, समाचार लिखे जाने तक सिद्धबली स्टील पर छापे की कार्रवाई चल रही है और किसी को वहां आने जाने की मंजूरी नहीं दी जा रही थी।