नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अनुशंसित करने के दो दिन बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को उनके नामों को मंजूरी दे दी।
जस्टिस मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता विश्वनाथन शुक्रवार सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। इस समारोह की लाइव स्ट्रीमिंग भी की जाएगी। केंद्र ने 48 घंटे में ही इनके नाम को हरी झंडी दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “दो नए न्यायाधीश शुक्रवार सुबह शपथ लेंगे। सीनियर एडवोकेट केवी विश्वनाथन अगस्त 2030 में लगभग नौ महीने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बनेंगे।” श्री विश्वनाथन अगस्त 2030 से 25 मई, 2031 तक अपनी सेवानिवृत्ति तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद ग्रहण करने के लिए कतार में होंगे।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 16 मई को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन के नामों की सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सिफारिश की थी।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय में 34 न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति है और वर्तमान में यह 32 न्यायाधीशों के साथ काम कर रहा है। शुक्रवार को दो न्यायाधीशों को शामिल करने के साथ, शक्ति 34 हो जाएगी, जो शीर्ष अदालत में इष्टतम है।
पांच सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम, जिसने नामों की सिफारिश की थी, की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ धनंजय यशवंत चद्रचूड़ और चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीशों- जस्टिस संजय किशन कौल, के एम जोसेफ, अजय रस्तोगी और संजीव खन्ना ने की थी।