मुजफ्फरपुर | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के दिए गए एक बयान को लेकर बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में उनके खिलाफ मंगलवार को एक परिवाद पत्र दायर किया गया है।
मुज्जफरपुर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के रविदास जयंती के मौके पर पंडितों को लेकर दिए गए एक बयान को लेकर स्थानीय अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने एक परिवाद पत्र दायर किया गया है।
परिवाद पत्र में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि जातियां भगवान ने नहीं बल्कि ब्राह्मणों (पंडितों) ने बनाया है। इस बयान के बाद ब्राह्मणों में आक्रोश है।
ओझा ने बताया है कि आरएसएस प्रमुख का यह बयान हमने अखबार में पढ़ा। मोहन भागवत का यह बयान ब्राह्मणों को नीचा दिखाने वाला और उनके लिए अपमानजनक है। इस बयान से हमे ठेस पहुंची है। समुदाय विशेष में द्वेष भावना और तोड़ने की बात कही गई थी जो समाज में तोड़ने वाला है।
ब्राह्मणों के प्रति ऐसा बयान देकर मोहन भागवत ने ब्राह्मणों को अपमानित करने का काम किया है। भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओ के तहत न्यायालय ने मामले को स्वीकार करते हुए दिनांक 20 फरवरी को अगली सुनवाई की तिथि मुकर्रर की है।