Friday, January 24, 2025

सीएम केजरीवाल ने 28 जून को फिर बुलाई एनसीसीएसए की बैठक, अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग पर होगी चर्चा

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों के तबादले और तैनाती पर चर्चा के लिए 28 जून को राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) की दूसरी बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, केजरीवाल को सेवा विभाग से एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ, जिसमें तीन अलग-अलग श्रेणियों के अनुरोध शामिल थे। इन श्रेणियों में कुछ अधिकारियों के स्थानांतरण का अनुरोध करने वाले विभाग, रिक्त पदों पर अधिकारियों की पदस्थापना, और स्थानांतरण/तैनाती के लिए एक अधिकारी का अनुरोध शामिल है।

केजरीवाल के कार्यालय ने यह भी कहा कि उसे कई अधिकारियों से शिकायत मिली है कि सेवा विभाग चुनिंदा और मनमाने ढंग से स्थानांतरण और पोस्टिंग अनुरोधों को संसाधित कर रहा है। कई अधिकारियों ने बताया है कि उनके स्थानांतरण अनुरोध लंबे समय से बिना किसी प्रतिक्रिया के सेवा विभाग के पास लंबित हैं।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, जो एनसीसीएसए के सदस्य-सचिव हैं, को इन तीन श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले सभी अनुरोधों को संकलित करने और प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए फाइल वापस भेज दी है। साथ ही, केजरीवाल ने निर्देश दिया है कि पिछले छह महीनों में सेवा विभाग को प्राप्त सभी अनुरोध, जो न तो लंबित थे और न ही अस्वीकार किए गए थे, उन्हें 21 जून तक मुख्यमंत्री कार्यालय में जमा किया जाना चाहिए।

बैठक 28 जून को पूर्वाह्न् 11:00 बजे निर्धारित है और मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय में आयोजित की जाएगी, जहां राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के संबंध में चर्चा होगी।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने दावा किया है कि कुछ हफ्ते पहले जब मुख्यमंत्री, जो एनसीसीएसए के अध्यक्ष भी हैं, को एक अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव मिला, तो मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री और एनसीसीएसए को पूरी तरह दरकिनार कर दिया, तब केजरीवाल ने यह मुद्दा उठाया।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने आरोप लगाया, मुख्य सचिव (सीएस) और लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) ने एनसीसीएसए के जनादेश के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सांठगांठ की। केंद्र के अध्यादेश की धारा 45एफ (1) की घोर अवहेलना करते हुए मुख्य सचिव ने अतिरिक्त जानकारी देने की मंत्री के निर्देश और सीएम और एनसीसीएसए को दरकिनार करते हुए सीधे एलजी को फाइल भेज दी। फिर, सीएस की सलाह पर काम करते हुए एलजी ने सीएम और एनसीसीएसए के अधिकार की अवहेलना की और एक अधिकारी को निलंबित करने का आदेश दिया।

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