कानपुर। आगामी पांच दिनों तक आसमान में हल्के बादल छाए रहने के साथ दो जुलाई तक तेज हवाओं के साथ हल्की मध्यम वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग ने कानपुर समेत उप्र के 36 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की। यह जानकारी शुक्रवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डाॅ.एस.एन.सुनील पांडेय ने दी।
उन्होंने बताया कि उप्र में मानसूनी बारिश का दौर दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी है। कानपुर में गुरुवार देर रात से शुरू हुई बारिश रूक-रूक कर हो रही है। इसी तरह प्रदेश के प्रयागराज, लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी में बारिश हो रही है।
मौसम विभाग ने शुक्रवार को प्रदेश के 36 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। गुरुवार को उप्र के 75 में से 30 शहरों में बारिश हुई है। मौसम विज्ञानी श्री पांडेय ने बताया कि मध्य प्रदेश के उत्तर-मध्य भाग पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश में भीषण बारिश का दौर अभी 48 घंटे तक जारी रहेगा।
रुक-रुककर हो रही बारिश खेती के लिए वरदान
डॉ. पांडेय ने कहा कि रुक-रुककर हो रही बारिश ग्राउंड वाटर रिचार्ज और खेती के लिए वरदान है। इस बार मानसून समय से पहले आया और अब अच्छी बारिश हो रही है। ऐसे में अनुमान है कि इस बार मानसूनी बारिश औसत से बेहतर होगी।
मानसून शुरू होने के बाद उप्र में अब तक 62.6 मिलीमीटर बारिश हुई है। जबकि बीते 24 घंटे में 7.8 मिलीमीटर बारिश पूरे प्रदेश में रिकॉर्ड की गई है।
इन 36 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने लखनऊ, बाराबंकी, सहरानपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, अयोध्या, सिद्धार्थनगर, बस्ती, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, गोरखपुर, मऊ, देवरिया, कुशीनगर, कानपुर, उन्नाव, आगरा, झांसी, वाराणसी, अलीगढ़, कन्नौज, मेरठ, गाजियाबाद, मथुरा, चित्रकूट, प्रयागराज, बांदा, अमेठी में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
इसके अलावा, बाकी शहरों में मध्यम और हल्की बारिश का अनुमान है। कुछ जगहों पर तेज हवाएं भी चल सकती हैं। आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है। जिन जिलों में भारी बारिश का अनुमान है वहां प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
उप्र के बांदा जनपद में 96.3 मिलीमीटर, ललितपुर 62, महोबा 32, लखनऊ 21.6, कानपुर 23.0, मेरठ 24.0, सोनभद्र 24.0, वाराणसी 18.6, चित्रकूट 30.5 मिलीमीटर बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है।
देश भर में मौसम प्रणाली
मध्य प्रदेश के उत्तर मध्य भागों पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। एक संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। इसके उत्तर-पश्चिम की ओर धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश की ओर बढ़ने की उम्मीद है। उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी तक एक पूर्व-पश्चिमी ट्रफ रेखा उत्तर-पूर्वी राजस्थान से उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश, मध्य प्रदेश के उत्तर-मध्य भागों, दक्षिणी झारखंड और गंगीय पश्चिमी बंगाल होते हुए उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। एक अपतटीय ट्रफ रेखा महाराष्ट्र तट से केरल तट तक फैली हुई है। पश्चिमी विक्षोभ को जम्मू-कश्मीर के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में देखा सकता है।