Saturday, November 23, 2024

झमाझम बारिश से खिल उठे किसानों के चेहरे, फसलों की शुरू हुई बुआई

कानपुर। भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों को एक ओर जहां बारिश ने राहत मिली, वहीं दूसरी ओर झमाझम हुई बरसात से किसानों के चेहरे खिल उठे। बारिश न होने से रुकी हुई खरीफ फसलों की तेजी से बुआई शुरू हो गई है। यह जानकारी गुरुवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रो. एस.एन.सुनील पांडे ने दी।

उन्होंने बताया कि जून महीने में महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही थी। कुछ जिलों में पारा तो 45 डिग्री के पार चला गया था। देह झुलसाती गर्मी से परेशान लोगों के लिए जुलाई का महीना अच्छी खबर लेकर आया है। महाराष्ट्र के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों में बढ़िया बारिश दर्ज की गई है। अकोला जिले में मानसून की पहली बारिश से लोगों को गर्मी से निजात मिली है। अच्छी बारिश नहीं होने के चलते किसानों की बुवाई रुकी हुई थी। ऐसे में अब बरसात में किसानों ने अपनी फसल की बुवाई-रोपाई शुरू कर दी है।

कानपुर नगर के निचले क्षेत्रों में जलजमाव
उल्लेखनीय है कि बारिश से लोगों को गर्मी से निजात मिली है। रुकी हुई बुवाई भी अब शुरू हो गई है। हालांकि शहर के निचले क्षेत्रों के लिए ये बारिश मुसीबत लेकर आई है। जिलाधिकारी कार्यालय के आरबीसी के चेंबर के समीप पानी की निकासी नहीं होने की वजह से सड़कों पर जलजमाव हो गया है। इससे नगर निगम की साफ सफाई व्यावस्था की पोल अब खुल चुकी है।

कम बारिश के चलते पिछले साल किसानों को हुआ था नुकसान
मौसम वैज्ञानिक कहना है कि महाराष्ट्र के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब जैसे कृषि प्रधान राज्यों को भी कमजोर बारिश का खामियाजा भुगतना पड़ा था। उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में सूखा घोषित कर दिया गया था। मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा की भी स्थिति कुछ इसी प्रकार थी।

देश भर में मौसम प्रणाली
मानसून की अक्षीय रेखा अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर चल रही है। यह बीकानेर, अजमेर, गुना, जबलपुर, बिलासपुर, पुरी और फिर पूर्व दक्षिण-पूर्व की ओर पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी से गुजर रहा है। पूर्व-पश्चिम शियर जोन मोटे तौर पर समुद्र तल से 4.5 और 7.5 किमी के बीच 15 डिग्री उत्तर के अक्षांश पर चल रहा है। एक चक्रवाती परिसंचरण उत्तर और उससे सटे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर प्रदेश के मध्य भागों पर है। उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे पंजाब के हिस्सों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।

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