सहारनपुर। दिव्यांग पति की हत्या का दोष सिद्ध हो जाने पर पत्नी और उसके प्रेमी को अपर सत्र न्यायाधीश आलोक शर्मा ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
सहायक शासकीय अधिवक्ता अमित त्यागी ने बताया की ग्राम बरथा कायस्थ पठेड़ निवासी ईनाम ने दिनांक चार दिसंबर 2009 को थाना चिलकाना में अपने दिव्यांग भाई रिजवान की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ईनाम ने 12 दिसंबर को एक अन्य प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसे गांव के दो लोगों ने जानकारी दी है कि 27 दिसंबर की रात जब वो घर आ रहे थे तो गांव में ही रहने वाला आबिद अपने कंधे पर बोरा लादे जा रहा था।
आरोप लगाया था कि आबिद के रिजवान की पत्नी दिलशाना के साथ नाजायज संबंध हैं। पुलिस और परिजनों ने जब रिजवान की पत्नी से पूछा तो उसने आबिद के साथ रिजवान की हत्या कर शव छिपाने की बात कही। पुलिस ने आबिद की निशानदेही पर गांव रघुनाथपुर के एक खेत में कुंए से शव बरामद कर लिया। मामले में विवेचना बाद पुलिस ने आबिद और दिलशाना के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
अदालत ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोषी पाते हुए आबिद और रिजवान की पत्नी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।