गाजियाबाद। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। अध्यक्ष व जनपद न्यायाधीश अनिल कुमार ने सुबह दस बजे राष्ट्रीय लोक अदालत की शुरुआत कराई। लोक अदालत में 162,775 वादों का निस्तारण किया गया। आरोपियों पर 1.71 करोड़ रुपये का अर्थदंड लगाया गया। जबकि अलग-अलग मामलों में 3.58 करोड़ रुपये पक्षकारों को दिलाए गए।
विशेष न्यायाधीश सीबीआई व लोक अदालत के नोडल अधिकारी परवेंद्र शर्मा ने बताया कि परिवार न्यायालय में आपसी सुलह समझौते के आधार पर वैवाहिक एवं भरण पोषण संबंधी 80 मामलों का निस्तारण कराया गया। लघु प्रकृति के मामले में लेबर एक्ट, वाणिज्य अधिनियम, बाट माप अधिनियम, मोटर वाहन अधिनियम, आबकारी अधिनियम, जिला परिषद अधिनियम आदि के मामलों को निस्तारित किया गया।
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विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुमार मिताक्षर ने बताया कि वाहन दुर्घटना प्रतिकर से संबंधित कुल 76 मामलों का निस्तारण हुआ। पीड़ितों व उनके परिजनों को तीन करोड़ 58 लाख 91 हजार नौ रुपये देने के आदेश दिए गए। अलग-अलग बैंकों के ऋण संबंधी कुल 320 केसों का निस्तारण किया गया। राजस्व संबंधी एक लाख 21 हजार 851 मामले निस्तारित हुए। इनमें कई करोड़ रुपये अर्थदंड भी लगाया गया।
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अदालत के जानकारों का कहना था कि लंबे समय तक चली वकीलों की हड़ताल के दौरान बहिष्कार की घोषणा से असमंजस की स्थिति से इस बार निस्तारण कम हुआ। हालांकि सचिव का कहना है कि वकीलों का पूरा सहयोग रहा।