शिमला। हिमाचल प्रदेश में डीजल पर वैट बढ़ोतरी पर मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने कांग्रेस सरकार की आलोचना की है। पार्टी के सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने रविवार को कहा कि प्रदेश सरकार ने सात महीने के अंतर्गत दो बार डीजल पर वैट बढ़ाया है, जिससे हिमाचल की जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। डीजल पर वैट की बढ़ोतरी से मालभाड़े की कीमतें बढ़ गई हैं और इससे सेब सब्जी और अनेकों प्रकार की वस्तुओं की ढोलन लागत में भी फर्क पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि अभी पूरे प्रदेश में आपदा की घड़ी चल रही है और इस समय जहां प्रदेश सरकार को जनता को राहत पहुंचाने का कार्य करना चाहिए था, वहां डीजल पर वैट बढ़ाकर जनता को मंहगाई की ओर धकेलने का प्रयास किया है। उनका कहना है कि तीन रुपये डीजल पर बढ़ोतरी से प्रदेश की जनता पर 1500 करोड़ से अधिक का बोझ पड़ा है।
कर्ण नंदा ने कहा कि मानसूनी आपदा की वजह से आज हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी को बड़ा धक्का लगा है और व्यापार व पर्यटन दोनों ठप पड़े हैं, लेकिन सरकार राहत देने के बजाय अपनी कमाई पर जोर दे रही है। पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश की जनता को नवंबर 2021 में डीजल पर वैट घटाकर बड़ी राहत प्रदान की थी। उस समय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने डीजल पर वैट को 17 रुपये घटाया था।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के डीजल पर वैट बढ़ाने के दूसरे ही दिन एशिया की सबसे बड़ी ट्रक यूनियन बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ और बिलासपुर ट्रक ऑपरेटर सहकारी सभा ने मालभाड़ा भी बढ़ा दिया है। बीबीएन ने 90 पैसे प्रति किलोमीटर छोटे ट्रक और बड़े ट्रक पर 1.50 रुपये प्रति किलोमीटर मालभाड़ा बढ़ाया है।
बीडीटीएस ने फार्मूले के अनुसार मालभाड़ा 1.41 प्रतिशत बढ़ाया है, अब सिंगल एक्सेस ट्रक मालभाड़े के करीब 15 पैसे और मल्टी एक्सेल ट्रकों पर 13 पैसे प्रति किलोमीटर प्रति टन बढ़ेगा। बड़ा हुआ मालभाड़ा लागू होने के बाद सिंगल एक्सेल ट्रक किराया 10.45 रुपये और मल्टी एक्सेल ट्रक का 9.43 पैसे प्रति किलोमीटर प्रति टन हो जाएगा। यह कांग्रेस सरकार द्वारा लिए गए फैसले का नतीजा है।