सहारनपुर। दहेज की खातिर पुत्रवधू की जलाकर हत्या करने के मामले में अदालत ने सास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर 55 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इस मामले में मृतका के पिता ने दामाद और उसके ससुर को भी नामजद किया था, लेकिन अदालत में मामला विचाराधीन होने के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या सात त्रिभुवन नाथ ने दोष सिद्ध होने पर सजा सुनाई है।
सहायक शासकीय अधिवक्ता नीरज चौहान ने बताया कि कोतवाली मंडी क्षेत्र के मोहल्ला शाहबलोल निवासी रेशमा प्रवीण की शादी आठ अक्तूबर 2004 मोहल्ला यायाशाह निवासी मुस्तकीम के साथ हुई थी। शादी में मायके पक्ष ने काफी दहेज दिया था, लेकिन इसके बाद भी पति मुस्तकीम, ससुर अख्तर, सास हमीदा विवाहिता को दहेज की खातिर प्रताड़ित करते थे। 17 अगस्त 2013 को सुबह साढ़े पांच बजे मायके पक्ष को सूचना मिली कि रेशमा मिट्टी के तेल से जल गई है। मायके पक्ष के लोग जब मौके पर पहुंचे तो रेशमा को जली हुई हालत में अस्पताल में भर्ती कराया था।
मरने से पहले रेशमा ने बयान दिया था कि ससुराल वालों ने दहेज की खातिर मिट्टी का तेल डालकर उसे जला दिया। रेशमा की मौत के बाद कोतवाली मंडी में उसके पिता आबिद ने मुस्तकीम, अख्तर, हमीदा के खिलाफ दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच के बाद पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। मामले की सुनवाई के उपरांत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोषी पाते हुए अदालत ने हमीदा को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ 55 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।