मेरठ। माटीककला के परम्परागत कारीगरी प्रशिक्षण के लिए आवेदन मांगे गए हैं।
जिला ग्रामोद्योग अधिकारी एसएल अग्रवाल ने बताया कि उप्र शासन द्वारा प्रजापति समाज के माटीकला से जुड़े परम्परागत कारीगरों के समन्वित विकास हेतु उप्र माटीकला बोर्ड का गठन किया गया है। उप्र माटीकला बोर्ड द्वारा माटीकला कौशल विकास योजना (माटीकला शिल्पकारी प्रशिक्षण) योजना के अन्तर्गत जनपद को लक्ष्य आवंटित किया गया है।
संदर्भित योजना के अन्तर्गत महाप्रबंधक, उप्र माटीकला बोर्ड मुख्यालय, लखनऊ के पत्र के द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु जनपद में 20 इकाई प्रशिक्षण कराने के वार्षिक लक्ष्य प्राप्त हुए है। योजना के अन्तर्गत माटीकला के परम्परागत/वास्तविक कारीगरों को उप्र खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के मण्डलीय ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केन्द्र ग्राम चौगावा नजीबाबाद बिजनौर पर आवसीय प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाना नियत है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में माटीकला की कलात्मक/सौन्दर्यपरख/सजावटी/ग्रह उपयोगी वस्तुए बनाने/मूर्तिकला /चीनी मिटटी बर्तन मे नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार व्यक्ति जो निम्न योग्यता रखते हो आवेदन कर सकते है। यह प्रशिक्षण 15 दिवसीय है। प्रशिक्षण अवधि के दौरान प्रतिदिन 100.00 के दर से 1500.00 प्रशिक्षुवृत्ति प्रदान किया जायेगा केन्द्र पर प्रशिक्षार्थियों के रहने तथा खाने की निःशुल्क व्यवस्था होगी।
आवेदक उप्र का मूल निवासी हो। आयु 18 वर्ष कम न हो, अभ्यार्थी का साक्षर होना अनिवार्य है। राशन कार्ड के आधार पर एक परिवार के एक सदस्य का चयन किया जायेगा तथा माटीकला/माटी शिल्पकला की विद्या का प्रशिक्षण प्राप्त हो अथवा परम्परागत कारीगर हो।
पात्र आवेदकों का चयन जिला स्तर पर गठित चयन समिति द्वारा किया जायेगा। इच्छुक आवेदक आवेदन करने हेतु जिला ग्रामोद्योग कार्यालय 72/1 शास्त्रीनगर, मेरठ मे उपस्थित होकर अपने 02 फोटो, आधार कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र, शिक्षा प्रमाण पत्र, जाति का प्रमाण पत्र तथा राशन कार्ड के साथ दिनांक 25 जुलाई 2023 तक आवेदन कर सकते है।