Thursday, April 17, 2025

दिल्ली दंगा : उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई स्थगित

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को छात्र कार्यकर्ता उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। उमर खालिद को 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।

न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और बेला एम त्रिवेदी की पीठ से याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई पर एक सप्ताह की अवधि के लिए स्थगन की मांग की थी। इसके मद्देनजर सुनवाई को स्थगित कर दिया गया।

शीर्ष अदालत की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार यह मामला 9 अगस्त को सूचीबद्ध होने की संभावना है।

उमर खालिद की याचिका के जवाब में दिल्ली पुलिस ने रविवार को जवाबी हलफनामा दायर किया था, जो अभी तक आधिकारिक तौर पर रिकॉर्ड पर प्राप्त नहीं हुआ है।

इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को मामले को 24 जुलाई के लिए पोस्ट कर दिया था। दिल्ली पुलिस के वकील ने हजारों पन्नों की चार्जशीट का हवाला देते हुए जवाब दाखिल करने का और समय मांगा था।

उमर खालिद की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि वह आदमी दो साल और ग्यारह महीने से हिरासत में है। कौन सा शपथ पत्र दायर करने के लिए है? यह एक जमानत याचिका है।

उमर खालिद ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जमानत से इनकार के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। हाई कोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और रजनीश भटनागर की पीठ ने पिछले साल 18 अक्टूबर को नियमित जमानत की मांग करने वाली उमर खालिद की अपील खारिज कर दी थी।

यह भी पढ़ें :  दिल्ली में बिजली कटौती पर 'आप' ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना

उमर खालिद ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसने उन्हें यूएपीए मामले में जमानत देने से इनकार किया था।

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान अमरावती में दिए गए कथित विवादित भाषण, दिल्ली दंगों के मामले में उमर खालिद के खिलाफ आरोपों का आधार थे।

दिल्ली पुलिस के अनुसार दंगों से जुड़े कथित बड़े षड्यंत्र मामले में शामिल लगभग एक दर्जन लोगों में जेएनयू स्कॉलर और कार्यकर्ता उमर खालिद, शरजील इमाम शामिल हैं।

बता दें फरवरी 2020 में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दंगे भड़क उठे थे। नागरिकता संशोधन अधिनियम विरोधी और सीएए समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प ने हिंसक रूप ले लिया था। जिसमें 50 से अधिक लोगों की जान चली गई और 700 से अधिक घायल हो गए थे।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय