वाराणसी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम आज पांचवें दिन ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करने पहुंची। गुंबद की नक्काशी की कार्बन कॉपी तैयार की जानी है। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार सर्वे शुरू हो चुका है। दोपहर में लंच ब्रेक होगा। नमाज के वक्त सर्वे का काम रोका जाएगा, फिर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
मंगलवार की शाम पांच बजे तक सर्वे चलना है। ज्ञानवापी सर्वे का आज पांचवा दिन है।
बुधवार से ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक से सर्वे शुरू हो सकता है। आईआईटी कानपुर की विशेषज्ञों की टीम बुधवार की रात तक वाराणसी पहुंच सकती है।
एएसआई ने आईआईटी कानपुर से ज्ञानवापी सर्वे में मदद मांगी है। आईआईटी के पास आधुनिक रडार है। रडार सर्वे में ज्ञानवापी परिसर का नए सिरे से अध्ययन किया जाएगा। जीपीआर की मदद से खोदाई के बगैर जमीन के नीचे का सच जाना जा सकता है।
हिंदू पक्ष का दावा है कि पश्चिमी दीवार की जांच से सच सामने आएगा। यह हिस्सा व्यास तहखाने से जुड़ा है। मां शृंगार गौरी मंदिर तक जाने और निकलने का रास्ता भी इसी तरफ से था। सर्वे में तमाम साक्ष्य मिलेंगे। इसीलिए पश्चिमी दीवार व उसके आसपास के क्षेत्र में सर्वे आगे बढ़ाया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि आधुनिक तकनीक पर आधारित फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, मैपिंग व स्कैनिंग कराई जा रही है। आज पांचवें दिन भी इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
गौरतलब हो कि ज्ञानवापी मामले में 25, 26, 27 जुलाई को मुस्लिम पक्ष की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। 27 जुलाई को कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया और 3 अगस्त को जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने कहा, ‘न्यायहित में सर्वे जरूरी है। मुझे इस तर्क में कोई दम नहीं दिखता कि बिना दीवार खोदे एएसआई नतीजे पर नहीं पहुंच सकता।’
3 अगस्त को इस आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट चला गया। 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से मना कर दिया।