यूं तो हर आदमी अपनी पत्नी को ढेर-सा प्यार करने का दावा करता है और यह सोचता है कि उसके बराबर प्यार शायद ही कोई दूसरा अपनी पत्नी को करता हो। प्यार के इज़हार में कभी-कभी तो वह चांद तारेे तक तोडऩे की बातें भी करने लगता है।
चांद तारे तोडऩा तो कोरी कल्पना ही है जिससे जीवन नहीं चल पाता। यहां कुछ ऐसे सुझाव दिए जा रहे हैं जिनके द्वारा आप अपना जीवन अवश्य सुखी बना सकते हैं।
पत्नी द्वारा बनाई गई चीज़ों की दिल खोलकर प्रशंसा कीजिये।
कभी-कभी छुट्टी का दिन पत्नी और बच्चों के साथ हंसी-खुशी बिताइए। फिल्म या पिकनिक आदि का कार्यक्रम बनाइए।
दफ्तर की झुंझलाहट पत्नी पर मत उतारिए। दफ्तर से आकर पत्नी के साथ कहीं जाना हो तो नहा-धोकर, कपड़े बदल कर ही जाइए।
पत्नी को अपना हमराज़ बनाइए। अपनी समस्याएं दिल खोल कर उसके सामने रखिए। उन्हेें दूर करने में वह आपकी मदद करेगी और उचित सलाह भी देगी।
उसकी कमियों को एकांत में समझाइए। दूसरों के सामने कभी अपमानित मत कीजिए।
उसकी रूचियों को बेकार कह कर मत टालिए। उसको आगे बढऩे और रूचियों को पूरा करने में उसकी मदद करिए।
समय-समय पर उसकी आवश्यकता की चीजें स्वयं लाकर दें या उससे पूछते रहें।
घर के छोटे-मोटे कामों में उसकी मदद कीजिए। अगर कभी पत्नी को सुबह उठने में देर हो गई और आप जल्दी उठ गए तो चाय की प्याली बना कर उसे उठाइए। यकीन मानिए, पत्नी खुशी से झूम उठेगी।
अपनी पसंद-नापसंद को उस पर जबरन मत थोपिए। ऐसा व्यवहार कीजिए कि धीरे-धीरे आपकी पसंद को वह अपनी पसंद बना लें।
यदि आप घर खर्च स्वयं चलाते हैं तो पत्नी को अपनी सुविधानुसार कुछ रूपये अवश्य दीजिए, यह कह कर कि ये उसके लिए हैं। यकीन मानिए, वह उन्हें फिजूलखर्च नहीं करेगी बल्कि आने वाले समय के लिए बचाकर रखेगी।
प्यार के साथ उसे उचित आदर भी दीजिए। जन्मदिन या शादी की सालगिरह अवश्य याद रखें। इन अवसरों पर उसे उपहार देना न भूलें, उपहार भले ही फूलों का गुलदस्ता हो। उससे पत्नी की नजऱों में आपका आदर और प्यार अवश्य बढ़ेगा।
इन शब्दों को प्रयोग में लाने के लिए कंजूसी बिलकुल न करें। ‘अरे रानी, आज तो यह साड़ी तुम्हारे ऊपर बहुत अच्छी लगती है। आज तो तुम अप्सरा लग रही हो।
इन सुझावों पर अमल करके तो देखिए। आपका घर स्वर्ग बन जाएगा और आपकी पत्नी आपके प्यार के रंग में डूबती चली जाएगी।
– राजेन्द्र ‘राजपूत’