पाली । स्वायत्त शासन विभाग ने मंगलवार को नगर परिषद पाली की सभापति को निलंबित करने का आदेश जारी किया है। ठेकेदार हनुमानसिंह आत्महत्या प्रकरण उनके निलंबन की मुख्य वजह बना है।
पिछले कुछ समय से अनबन के चलते वह अपनी पार्टी के विधायक और पार्षदों के निशाने पर भी थी। उनके निलंबन पर भाजपा पार्षदों ने सूरजपोल चौराहे पर मंगलवार शाम को आतिशबाजी कर खुशी जताई।
विकास कार्य नहीं होने के चलते उनकी पार्टी के पार्षद ही उन्हें घेर रहे थे। कई बार उनके खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया। अब प्रदेश की सरकार ने उन्हें सभापति पद से भी हटा दिया है। ठेकेदार हनुमान सिंह आत्महत्या प्रकरण उन्हें ले डूबा।
सभापति को स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव हृदेश कुमार शर्मा ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर निलंबित किया। इसमें कहा गया कि सभापति की जिम्मेदारी है कि वह ठेकेदारों को समय पर बकाया पेमेंट करें।
सभापति को मृतक ठेकेदार हनुमान सिंह राजपुरोहित को समय पर पेमेंट जारी नहीं करने का भी दोषी माना गया।
इसके साथ ही लिखा गया कि सभापति ने अपने पद का दुरुपयोग किया। सभापति रेखा भाटी का कृत्य, आचरण राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (1) घ सहित अन्य धाराओं के तहत पाए जाने पर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (6) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार सभापति रेखा भाटी को नगर परिषद पाली के सभापति एवं सदस्य पद से तुरंत प्रभाव से निलंबित करती है। इस मामले की जांच उपनिदेशक (क्षेत्रीय) स्थानीय निकाय विभाग जोधपुर द्वारा की जा रही है।
अब नगर परिषद में ओबीसी वर्ग की कोई और महिला पार्षद सभापति बनेगी। इसको लेकर भाजपा पार्टी से पूर्व उपसभापति मूलसिंह भाटी की पत्नी सुकिया देवी, पूर्व पार्षद सुरेश चौधरी की पत्नी ऊषा चौधरी, फूलीदेवी पटेल, कांग्रेस से हेतल हिंगड़, ओमा चौधरी सहित कई ओबीसी वर्ग की महिलाएं कतार में है।