हैदराबाद/नई दिल्ली। कांग्रेस ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि आगामी संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाए। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने रविवार को हैदराबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह संविधान संशोधन विधेयक लाए थे। विधेयक 9 मार्च, 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ लेकिन लोकसभा में नहीं ले जाया जा सका। ऐसे में कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने हैदराबाद बैठक का यह प्रस्ताव है कि केन्द्र सरकार संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराए।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि वर्ष 1989 में राजीव गांधी ने स्थानीय निकाय के चुनावों में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण सुनिश्चित किया था। पवन खेड़ा ने कहा कि अप्रैल, 1993 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को फिर से पेश किया था। दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गए। उसके बाद मनमोहन सिंह की सरकार में ये बिल आया, जो आज तक जीवित है। उन्होंने कहा कि इस विषय में पूर्व कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था। पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस पिछले 09 वर्षों से मांग कर रही है कि महिला आरक्षण विधेयक, जो पहले ही राज्यसभा से पारित हो चुका है, उसे लोकसभा से भी पारित कराया जाना चाहिए।