बेंगलुरु। आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने कर्नाटक में बिटकॉइन घोटाले के जांच अधिकारियों के आवासों पर छापेमारी की, जो कथित तौर पर किंगपिन हैकर से जुड़े हुए हैं।
सूत्रों ने कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा पांच जांच अधिकारियों के खिलाफ सात स्थानों पर छापे मारे गए थे, क्योंकि यह आरोप लगाया गया था कि अधिकारी घोटाले की ठीक से जांच नहीं कर रहे हैं और कथित किंगपिन हैकर श्रीकी के साथ मिलकर सबूतों को नष्ट करने में भी शामिल हैं।
छापेमारी बोम्मनहल्ली, कोरमंगला और अन्य स्थानों पर की गई।
मुख्य आरोपी श्रीकी के साथ मिलकर कर्नाटक सरकार के ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल को हैक करने के मामले में सीआईडी की विशेष टीम ने हाल ही में हरविंदर सिंह, नितिन मेहसराम और दर्शित पटेल को महाराष्ट्र के नागपुर से गिरफ्तार किया था।
सरकार ने बिटकॉइन घोटाले की जांच में एसआईटी टीम की सहायता के लिए साइबर फोरेंसिक और क्रिप्टोकरेंसी विशेषज्ञों की सेवाएं आवंटित की थीं।
एसआईटी टीम ने पिछले महीने बिटकॉइन घोटाले के सिलसिले में बेंगलुरु में कथित सरगना सहित मुख्य आरोपी व्यक्तियों के आवासों पर छापेमारी की थी।
कांग्रेस सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी कर सनसनीखेज बिटकॉइन घोटाले की दोबारा जांच करने का निर्देश दिया था, जिसमें कथित तौर पर राज्य के शीर्ष भाजपा नेता शामिल थे।
सूत्र बताते हैं कि बिटकॉइन घोटाला बेंगलुरु में सीसीबी पुलिस द्वारा कथित अंतर्राष्ट्रीय हैकर श्रीकृष्ण उर्फ श्रीकी की गिरफ्तारी के बाद हुआ था। यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी हैकर का उपयोग करके सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं ने उसे 2020 में घोटाला करने की अनुमति देकर भारी पैसा कमाया था।
पुलिस ने आरोपी को कथित तौर पर नशीली दवाएं बेचते हुए गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि आरोपियों ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और सरकारी वेब पोर्टल को हैक करके 11 करोड़ रुपये की हेराफेरी की थी। आरोपियों ने कथित तौर पर पैसे को बिटकॉइन में बदल दिया था और बेंगलुरु में नशीली दवाओं की तस्करी को अंजाम दिया था।
इससे पहले कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लगातार कई ट्वीट कर बिटकॉइन घोटाले को लेकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर हमला बोला था।
उन्होंने लिखा था, “बसवराज बोम्मई की भूमिका और जिम्मेदारी क्या है? (प्रासंगिक समय में प्रभारी गृह मंत्री कौन थे) और राज्य सरकार में अन्य?“ सुरजेवाला के इस सवाल से भाजपा की काफी फजीहत हुई थी।
उन्होंने कहा था, “बिटकॉइन घोटाले की परतें आखिरकार खुल रही हैं। तत्कालीन गृह मंत्री और बोम्मई को जवाब देने दीजिए। तत्कालीन कर्नाटक भाजपा सरकार के तहत भारत के सबसे बड़े बिटकॉइन घोटाले की जांच के लिए एफबीआई भारत में है। संदिग्धों का विवरण जारी करें।”
सुरजेवाला ने सवाल किया था, “कितने बिटकॉइन चोरी हुए? और कितने मूल्यों के? इसमें कौन शामिल है? क्या चुराए गए बिटकॉइन व्यवस्थित हैकर श्री कृष्ण के वॉलेट से भेजे गए थे?“