मुजफ्फरनगर। फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र बनवाने के मामले के मास्टरमाइंड थानाभवन के गांव सोहजनी निवासी रहमान उर्फ रहीम को गिरफ्तार कर लिया गया। रहीम ही यहां कार्यालय खोलकर बैठे युवकों से पैसे व नाम पता लेकर प्रयागराज में बैठे मुख्य आरोपी राकेश को भेजता था। राकेश अभी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम अभी प्रयागराज में डेरा डाले हुए है।
तीन दिन पहले शहर कोतवाली पुलिस ने नगर के यूनिक प्लाजा में न्यू एजूकेशन के नाम से चलाए जा रहे कार्यालय पर छापा मार कर वहां से काफी संख्या में नकली कक्षा दस व बारह की मार्कशीट, शैक्षिक प्रमाण पत्र बरामद किए थे। लद्धावाला निवासी हासिन व रहमतनगर निवासी शादाब को गिरफ्तार किया था। पुलिस को उनके दो साथियों उप्र राज्य मुक्त विद्यालय परिषद का एक कथित कर्मचारी शांतिपुरम प्रयागराज निवासी राकेश कुमार व थानाभवन के सोहजनी निवासी अब्दुल रहीम उर्फ रहमान की तलाश थी। सूचना के आधार पर दोनों को पकडऩे के लिए पुलिस की दो टीम प्रयागराज में डेरा डाले हुए थी।
सर्विलांस की मदद से पुलिस ने रहीम को बामनहेड़ी पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को रहीम ने पूछताछ में बताया कि वह थानाभवन क्षेत्र में एक मेडिकल स्टोर पर काम करता है। उसने ग्रेजुएशन तक शिक्षा प्राप्त की है। उसने फेसबुक पर विज्ञापन देखा, जिसमें कक्षा दस व बारह पास करने का आसान तरीका लिखते हुए एक मोबाइल नंबर भी लिखा था। यह नंबर प्रयागराज निवासी इस गिरोह के मुख्य आरोपी राकेश का था।
राकेश के संपर्क में आने के बाद वह यूनिक प्लाजा में कार्यालय चलाने वाले हासिन व शादाब के संपर्क में आया। इसके बाद हासिन आदि से पैसे लेकर वह राकेश तक पैसे व डाटा भेजता था। राकेश प्रमाण पत्र भेज देता था, जो उनकी बनाई उप्र राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की वेबसाइड पर अपलोड होती थी। पुलिस के अनुसार रहीम पिछले एक साल में कई युवकों को नकली शैक्षिक प्रमाण पत्र दिला चुका है। एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि इस मामले में अभी प्रयागराज निवासी राकेश की तलाश है, उसे भी जल्द पकड़ लिया जाएगा।