नैनीताल- भारत-चीन सीमा पर कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर मलारी में चट्टान के नीचे दबे लोगों को देर रात तक निकाला नहीं जा सका है।
पिथौरागढ़ जिला प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से देर रात को राहत एवं बचाव कार्य को रोक दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर बूंदी और लामारी के बीच रविवार को एक यात्री वाहन विशालकाय चट्टान की चपेट में आ गयी। बताया जा रहा है कि वाहन में छह से नौ लोग सवार थे। सभी लोग वाहन में चट्टान के नीचे दबे हैं।
इस घटना के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन- फानन में राज्य आपदा प्रक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवानों को मौके पर भेजा गया। दो जेसीबी मशीनों को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार देर रात तक वाहन में फंसे लोगों को बाहर नहीं निकाला जा सका। बेहद दुर्गम क्षेत्र होने के चलते पिथौरागढ़ जिला प्रशासन ने देर रात को सुरक्षा के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य को रोक दिया।
उल्लेखनीय है कि इस भीषण दुर्घटना में किसी के बचने की आशंका नहीं है। माना जा रहा है कि इस दुर्घटा में छह से नौ लोगों के मरने की आशंका है। अब सोमवार को सुबह फिर से राहत व बचाव कार्य संचालित किया जायेगा। यात्रियों से भरा यह वाहन गंुजी से वापस धारचूला लौट रहा था।