कहते हैं अच्छे सम्बन्ध बनाने में समय लगता है, परन्तु टूट एक पल में जाते हैं। उसका कारण कुछ भी हो, परन्तु एक-दूसरे के प्रति विश्वास की कमी के कारण ऐसा होता है। जब अचानक ऐसे रिश्ते टूटते हैं तो व्यक्ति तनाव, अवसाद और अकेलेपन की गिरफ्त में आ जाता है, जो व्यक्ति विश्वसनीय नहीं होते लोग उनसे दूरी बनाकर ही रखते हैं।
किसी भी रिश्ते को चिरकाल तक सहेजे रखने के लिए यह जरूरी है कि हम एक-दूसरे के प्रति निष्ठावान बने रहे, विश्वसनीय बने रहे। कोई ऐसा काम न करे, जिससे सामने वाले की दृष्टि में हमारी छवि धूमिल हो। कई बार झूठ बोलकर, भावनाओं से खेलकर और समय पर सहयोग न देकर हम अपने शुभचिंतकों का भरोसा खो देते हैं। जिसके प्रति उनका अटूट विश्वास होता था, उसके पश्चात आपसी रिश्तों में दरारें पडऩी शुरू हो जाती है।
भरोसा एक दिन अपितु लम्बे समय के लिए एक-दूसरे के प्रति पल्लवित विश्वास एवं समर्पण की भावना का नाम है। ऐसे रिश्ते जिसका जन्म विश्वासरूपी बीज से हुआ है, उसे समझदारी, सामंजस्य और सहयोग के बल पर बिखरने से बचाया जा सकता है। विश्वास के बल पर किसी भी व्यक्ति का दिल जीता जा सकता है। विश्वास बनाना बड़ी बात नहीं उसे बनाये रखना ही बड़ी बात है।