मीरजापुर। चुनार स्थित ईंट भट्ठा के मुनीम की दो हत्यारे को पुलिस की संयुक्त टीम ने चुनार रेलवे क्रासिंग से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने दो मोबाइल व हत्या में प्रयुक्त लकड़ी के दो बेंत बरामद किया। पुलिस की पूछताछ में हत्यारोपितों ने बेटी की इलाज के लिए रुपये न देने व पुरानी रंजिश के चलते घटना को अंजाम देना बताया।
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने मंगलवार को घटना का पर्दाफाश किया। उन्होंने बताया कि चुनार कोतवाली के दयालपुर नऊआबारी निवासी मो. अजहर ने आठ जून की रात दो नामजद आरोपितों के विरूद्ध कोतवाली में तहरीर दी थी। बताया कि उनके पिता मो. मजीद एक ईंट भट्ठे पर मुनीम थे। सात जून की रात वह घर से खाना खाकर ईंट भट्ठे पर जा रहे थे। इसी दौरान बंगला देवरिया के पास रोककर हत्यारोपितों ने उनके पिता की किसी वजनी वस्तु से प्रहार कर हत्या कर दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर दोनों आरोपितों के विरुद्ध हत्या सहित अन्य आरोप में मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी।
घटना का पर्दाफाश करने के लिए एएसपी आपरेशन ओपी सिंह की निगरानी में सीओ चुनार उमाांकर सिंह के नेतृत्व में तीन टीम गठित की गई। इसमें स्वाट प्रभारी राजेश चैबे, एसओजी प्रभारी माधव सिंह व चुनार कोतवाल त्रिवेणीलाल सेन शामिल थे। टीम सुरागरसी में लगी थी, तभी सूचना मिली कि मो. मजीद हत्याकांड में शामिल दोनों आरोपित चुनार रेलवे क्रासिंग के पास खड़े हैं और कहीं भागने के लिए किसी वाहन का इंतजार कर रहे हैं। टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों आरोपित आशीष उरांव निवासी जिला गुमला झारखंड व संतोष उरांव निवासी बसुआ जिला गुमला झारंखड को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में बताया कि मुंशी उनके मजदूरी के रुपये देने में आनाकानी करता था। अभद्रता से पेश आता था। घटना के दिन आशीष अपनी बीमार बेटी की इलाज के लिए रुपये मांगने मुनीम के पास गया, जहां मुनीम ने गाली देनी शुरू कर दी। इससे नाराज होकर आशीष ने अपने साथी से मिलकर मुनीम की हत्या कर दी।