Monday, December 23, 2024

सहारनपुर में बाल विवाह कानूनन अपराध, प्रोत्साहन देने वालों के विरूद्ध होगी कार्यवाही

सहारनपुर। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अन्तर्गत विवाह हेतु लड़के की आयु 21 वर्ष एवं लड़की की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। यदि लड़के-लड़की की आयु इससे कम है तो वह ‘‘बाल विवाह‘‘ की श्रेणी में आयेगा तथा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह करने वाले पुरूष व्यस्क के लिए एवं बाल विवाह का अनुष्ठान करने वाले व्यक्तियों के लिए 02 वर्ष के कठोर कारावास या 01 लाख रूपये जुर्माने या दोनों का प्राविधान है।

ऐसी रूढ़िवादी परम्परा है कि ‘‘अक्षय तृतीया‘‘ (आखा तीज) का दिन इस प्रकार के आयोजन हेतु बहुत ही शुभ होता है तथा प्रायः इस प्रकार के विवाह ‘‘अक्षय तृतीया‘‘ के अवसर पर होते हैं। इस वर्ष अक्षय तृतीया की तिथि 22 अप्रैल 2023 को है। बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है जिसके शारीरिक एवं मानसिक रूप से गम्भीर दुष्प्रभाव होते हैं।

जिला प्रोबेशन अधिकारी एवं जिला बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी अभिषेक कुमार पाण्डेय ने वैवाहिक आयोजन कराने वाले बैंक्वेट हॉल, मैरिज हॉल, टैण्ट व्यवसायी, बैण्ड बाजा, फोटो ग्राफर, प्रिंटींग प्रेस, पुरोहित, मौलवी, कैटर्स आदि से अपील है कि जिसका भी विवाह कराएं उसकी आयु के बारे में स्पष्ट जानकारी कर लें अन्यथा की स्थिति में बाल विवाह के आयोजन में किसी तरह सेे सम्मिलित, सहयोग करने वाले भी दण्ड के भागी हो सकते हैं।

उन्होने स्वयं सेवी संगठनों तथा सभ्यजनों से अपील की है कि बाल विवाह को हतोत्साहित करें तथा बाल विवाह की किसी भी घटना के सम्बन्ध में सूचना कार्यालय जिला प्रोबेशन अधिकारी व जिला बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, कलेक्ट्रेट, सहारनपुर, 100 नम्बर, 181 महिला हेल्प लाइन, अपने नजदीकी थाने एवं चौकी पर तत्काल देने का कष्ट करें ताकि बाल विवाह को तत्काल रोका जा सकें।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,303FansLike
5,477FollowersFollow
135,704SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय