मुजफ्फरनगर। कवाल कांड़ के बाद शहीद चौक पर हुई जनसभा में भड़काऊ भाषण देने के मामले में पूर्व गृह राज्यमंत्री सईदुज्जमां समेत तीन आरोपियों ने अदालत में खुद को दोषमुक्त किए जाने के लिए पुर्नविचार याचिका दाखिल की थी।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-3 के पीठासीन अधिकारी गोपाल उपाध्याय ने याचिका मंजूर कर ली है। निचली अदालत अभियुक्तों के प्रार्थना पत्रों पर पुन: सुनवाई के बाद फैसला देगी।
कवाल कांड के बाद 30 अगस्त 2013 को शहर कोतवाली क्षेत्र के शहीद चौक पर जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने जनसभा का आयोजन किया था। तत्कालीन डीएम कौशलराज शर्मा और एसएसपी सुभाष चंद दुबे को अपना मांग पत्र सौंपा था।
पुलिस की ओर से भड़काऊ भाषण के एक मामले में पूर्व गृह राज्यमंत्री सईदुज्जमां, पूर्व सांसद कादिर राना, पूर्व विधायक नूरसलीम राना समेत 10 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।
बचाव पक्ष ने सिविल जज/ सीनियर डिवीजन (विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट) में पूर्व मंत्री सईदुज्जमां, उनके बेटे सलमान सईद और एडवोकेट सुल्तान मुशीर को दोषमुक्त किए जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, जिसे खारिज कर दिया गया था।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता अमजद अली ने बताया कि निचली अदालत के फैसले के खिलाफ जिला जज की अदालत में रिवीजन दाखिल किया गया है। पुनर्विचार याचिका की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-3 के पीठासीन अधिकारी गोपाल उपाध्याय ने की।
अदालत ने याचिका मंजूर कर ली है। एडीजे के आदेश के बाद निचली अदालत अभियुक्तों के उन्मोचित प्रार्थना पत्रों पर पुन: सुनवाई करेगी और गुण-दोष के आधार पर निर्णय करेगी।