मेरठ। पॉक्सो में नामजद अधिवक्ता रमेश चंद्र गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। जेल जाने पर अधिवक्ताओं ने आरोपी के पक्ष में नारेबाजी की और कहा कि उन्हें गलत फंसाया गया है।
ैऑफिस की किशोरी से यौन शोषण के आरोपी अधिवक्ता रमेश चंद गुप्ता को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। यहां से उसे 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। आज बाहर बड़ी संख्या में अधिवक्ता एकत्र हो गए। कुछ ने रमेश चंद गुप्ता के पक्ष में वकील एकता जिंदाबाद के नारे लगाए तो कुछ ने विरोध में टिप्पणी की।
मामले को लेकर अधिवक्ता पक्ष और विपक्ष में दिखे। कई अधिवक्ताओं का कहना था कि रमेश चंद गुप्ता के खिलाफ कोई सुबूत नहीं है, गलत फंसाया गया है। नाबालिग अवैध रुप से 15 लाख रुपये की मांग कर रही थी। नहीं देने पर उसने झूठा आरोप लगा दिया। कोर्ट ने रमेश चंद गुप्ता को जेल भेजने के आदेश दिए तो कुछ अधिवक्ताओं ने बाहर वकील एकता जिंदाबाद के नारे लगाए। महिला अधिवक्ताओं ने किशोरी और उसके परिजनों पर ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाया। कुछ महिला अधिवक्ताओं ने कहा कि तुमने पूरे अधिवक्ता समाज का नाम खराब किया है।
आरोपी के अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा कि अपहरण की रिपोर्ट अज्ञात के खिलाफ दर्ज की गई थी। पुलिस को दिए बयानों में रमेश चंद गुप्ता आरोपी नहीं था बल्कि पीड़िता ने घरवालों के उत्पीड़न के चलते घर से निकल जाने की बात कही। परंतु एफआईआर दर्ज होने के 22 दिन बाद 164 के बयान में पुलिस ने पीड़िता को दबाव में लेकर गलत रूप से बयान दर्ज कराए।
पीड़िता ने अपना मेडिकल परीक्षण कराने से मना किया। पीड़िता के बयानों के अनुसार आठ फरवरी 2023 को रमेश चंद गुप्ता के यहां नौकरी शुरू की थी। जबकि उस दिन मेरठ बार में चुनाव थे। पुलिस द्वारा घटना स्थल से संबंधित कोई भी नक्शा नजरी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया।