कैराना ।नगर व आसपास क्षेत्र में भू-माफिया सड़क किनारे खेत खरीद कर बिना विकास प्राधिकरण के कॉलोनी काट रहें। लोगों को ऊंची कीमत पर प्लाट बेचकर जेबें भर रहे हैं। शहर के नियोजित विकास का दम भरने वाले अधिकारी भी इस पर मौन साधे बैठे हैं। जब यह कालोनियां बन कर तैयार हो जाती है तब लोग सड़क पेयजल और विद्युत कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए धरना प्रदर्शन और आंदोलन करते हैं तब अधिकारियों की नजर इस ओर जाती है। लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है।
नगर में मौजूद 85 अवैध कालोनियों को मजिस्ट्रेट ने नोटिस भी जारी किए थे। हालांकि उसके बाद न तो किसी ने नोटिस का जवाब दिया और न ही किसी ने कार्रवाई की। हद तो यह है की सभी कालोनियां ग्रीन बेल्ट में हैं।
नगर के मायापुर, तितरवाड़ा,रामडा, खुरगान, झिंझाना, शामली, पानीपत व मोहल्ला अफगनान में स्थित बारात घर के समीप कालोनियां के अलावा हाईवे के किनारे प्लाट काटकर बेचने का बड़े पैमाने पर खेल हो रहा है।प्रशासन ने अवैध कालोनी की सूची दो बार तैयार कर जिला प्रशासन को भेजी गई है। लेकिन मात्र नोटिस व बैठकों तक ही कार्रवाई सिमट कर रह गई है। लोगों का कहना है कि भाजपा सरकार में अधिकारी मनमर्जी कर रहें है। जिसके चलते कोई कार्रवाई नहीं हो रही हैं। सम्पूर्ण समाधान दिवस हो या थाना समाधान दिवस किसी में भी शिकायत की जाए सभी रद्दी के टोकरे में जाति है।
किसान संगठनों ने भी उठाई आवाज,नहीं हुआ समाधान
एसडीएम व डीएम को किसान संगठन के अध्यक्ष सवित मलिक ने पदाधिकारियों के संग कई बार शिकायती पत्र देकर अवैध कालोनियों पर कार्रवाई व किसानों की भूमि कौड़ियों के भाव खरीदकर उन्हें परेशान करने वाले सभी माफियाओं पर कार्रवाई की गुहार लगाई गई है। लेकिन आज तक कही कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
नोटिस व चेतावनी तक कार्रवाई सिमटने का मकसद क्या ?
अवैध कालोनियों पर जिला प्रशासन के निर्देश पर अधिकारियों ने नोटिस जारी किए, वही अवैध कालोनियों की सूची तैयार की गई। कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई, लेकिन उससे आगे कार्रवाई बिल्कुल रुकगई। आखिर अवैध डीलरों में नीचे से ऊपर तक अधिकारियों ने पूरा भोकाल मचाकर विराम लगा दिया।
भूमाफियाओं को चिन्हित करने के दावे सिर्फ खोखले
लेखपालों ने सभी डीलरों को फोन कर कर कहा कि तुम्हें भूमाफिया चिन्हित किया जा रहा है। जिसके बाद वह दौड़ कर उनसे मिलता है। सूत्र बताते है कि सिर्फ मिलने मिलाने तक माफिया रह गए। अस्सी से अधिक कालोनिया काटी गई और आज भी लगातार कालोनियां काटी जा रही है,लेकिन कार्रवाई सिफर है।