Friday, January 24, 2025

कृषि क्षेत्र में बढ़ोतरी के लिए मील का पत्थर साबित होते हैं कृषि मेले: नरेंद्र सिंह तोमर

झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे तीन दिवसीय “ उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला एवं प्रदर्शनी” के समापन समारोह में शनिवार को मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कृषि क्षेत्र में बढोतरी के लिए कृषि मेलों के महत्व को रेखांकित किया।

 

विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करतेे हुए श्री तोमर ने तीन दिवसीय उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला एवं प्रदर्शनी को सफल बनाने के लिए कुलपति सहित विवि के सभी लोगों को बधाई व शुभकामनाएं दीं। मुख्य अतिथि के साथ विशिष्ट अतिथि संयुक्त सचिव कृषि मंत्रालय भारत सरकार सैमुएल परवीन कुमार, निदेशक प्रसार भारत सरकार, डाॅ. एसके मिश्रा, कुलाधिपति डाॅ. पंजाब सिंह, कुलपति डाॅ. अशोक कुमार सिंह, मेयर झांसी बिहारी लाल आर्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर समापन सत्र की शुरूआत की। मुख्य अतिथि को कुलपति ने मेले का भ्रमण कराया। विवि के कुलगीत के साथ मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि नरेन्द्र सिंह तोमर को अंगवस्त्र, विवि द्वारा तैयार किए गए उत्पाद, रामदरबार स्मृति चिन्ह देकर कुलपति डाॅ. अशोक कुमार सिंह ने स्वागत व सम्मानित किया।

 

विशिष्ट अतिथियों को मेला संयोजक डाॅ. एसएस सिंह ने अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह व विवि उत्पाद देकर सम्मानित किया।
समारोह को संबोधित करते हुए श्री तोमर ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर झाँसी में इस केन्द्रीय कृषि विवि का आरम्भ होना हम सबके लिए सौभाग्य की बात है। पुनः कुलपति व उनकी टीम को इस विवि को ऊचाईयों पर पहुंचाने व गम्भीरता से काम करने के लिए बधाई दी।

 

उन्होंने कहा कि बीते दिनों कृषि वैज्ञानिकों ने कृषि क्षेत्र में नए-नए प्रयोग एवं नई तकनीकों तथा विभिन्न कृषि यंत्रों सहित अन्य उर्वरक इन सब का लाभ कृषि क्षेत्र को मिल रहा है। बुंदेलखण्ड का क्षेत्र चाहे मध्य प्रदेश हो या उत्तर प्रदेश यह दोनों प्रदेश पलायन के लिए देश में जाने जाते थे,क्योंकि यहां की पथरीली जमीन सिंचाई का साधन कम होना एवं अन्य समस्याएं किसानों को पलायन करने पर मजबूर कर देती थीं।

 

पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि पहले कहा जाता था किसानी उसी की जिसके पास पानी है लेकिन अब कृषि वैज्ञानिकों, कृषि विज्ञान केन्द्रों, कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा अब कहा जाता है कि किसानी उसी की जिसके पास ज्ञान है। इन सभी संस्थाओं से बदलाव आना प्रारम्भ हुआ है। इन सबका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को भी बधाई दी जिन्होंने बुंदेलखण्ड को नई पहचान दी है। चाहे तिलहन हो या दलहन हो इन सबके लिए पहले बुंदेलखण्ड जाना जाता था लेकिन अब यहां सभी फसलें होने लगी हैं।

 

पूर्व कृषि मंत्री ने कृषि विवि से आवाहन किया कि आर्गेनिक हब बनाने पर भी कार्य करें। उन्होंने विद्यार्थियों व सेवानिवृत्त कृषि अधिकारियों, वैज्ञानिकों से आवाहन किया कि आप अपने – अपने क्षेत्र में वैज्ञानिक तकनीक किसानों को सिखाएं जिससे उनको लाभ मिल सके क्योंकि किसान ही अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। कृषि क्षेत्र में उत्तरोत्तर बढोत्तरी हो तथा इस तरह के कृषि मेले मील के पत्थर साबित होते हैं।

 

पूर्व कृषि मंत्री ने अच्छा कार्य करने बाले एफपीओ किसानों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इनमें अर्जुन सिंह पटेल बिलाटीकरके झांसी, सूरज सिंह हरदुआ जालौन, जमुना प्रसाद बमोर झांसी, मुदित कुमार चिरवरिया डोमागोर झांसी, हरिमोहन दुबे मऊरानीपुर झांसी, आँचल मेहता झांसी, श भूनना सहरिया ललितपुर, राजेश साहू ललितपुर, डुंडा सिंह जम्मू, दर्शन कुमार जम्मू शामिल हैं।

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