लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जेलों में लगे सीसीटीवी कैमरों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सिस्टम से लैस किया गया है। प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद माफियाओं और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए ऐसा किया गया है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, राज्य की पांच उच्च सुरक्षा जेलों में डुअल व्यू स्कैनर बैगेज, फुल ह्यूमन बॉडी वार्न स्कैनर, मीटिंग रूम के लिए कॉन्टेक्टलेस ग्लास और नई टेक्नोलॉजी से लैस अन्य डिवाइस लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जेलों में अत्याधुनिक गैजेट्स लगाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद राज्य सरकार को भेजा गया था, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को जेलों की सुरक्षा में कमियों को दूर करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार ने वार्षिक बजट 2023-24 में जेल प्रशासन और सुधार विभाग को फंड आवंटित किया है।
राज्य की जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 100 प्रतिशत रिमांड पर भेजने के लिए अब तक 145 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल स्थापित किए गए हैं, जिनमें 72 जेल और 73 जिला अदालतें शामिल हैं।
लखनऊ, आजमगढ़, चित्रकूट, गौतम बुद्ध नगर और सेंट्रल जेल बरेली की जिला जेलों सहित पांच उच्च सुरक्षा जेलों में पांच डुअल व्यू स्कैनर बैगेज, पांच फुल ह्यूमन बॉडी वॉर्न स्कैनर, मीटिंग रूम के लिए 130 कॉन्टेक्टलेस ग्लास, 5 पैनिक अलार्म सिस्टम, 15 नाइट विजन दूरबीन और 5 लाइट प्रोटेक्शन सिस्टम ईएसई यूनिट स्थापित की गई है।
जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के लिए चरणबद्ध तरीके से सीसीटीवी सर्विलांस यूनिट्स स्थापित की जा रही हैं। हर जेल में करीब 30 कैमरे लगाए गए हैं।
प्रवक्ता ने बताया, “वर्तमान में प्रदेश की सभी जेलों में 3600 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। 30 जेलों में कैमरों की संख्या बढ़ाने, उनकी बहाली और भंडारण समेत सर्वर की व्यवस्था का काम पूरा कर लिया गया है।”
मुख्यालय में उच्च स्तरीय निगरानी के लिए एक कमांड सेंटर स्थापित किया गया है जिसमें जेलों में लगे कैमरों की लाइव फीड वीडियो वॉल में प्राप्त हो रही है।