मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। इसके विपरीत, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, जहां AQI 149 दर्ज किया गया, जो “संतोषजनक” श्रेणी में आता है।जहांगीरपुरी: AQI 435,आनंद विहार: AQI 405,अशोक विहार: AQI 414 बवाना: AQI 418, विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब होने के पीछे कई प्रमुख कारण हैं। AQI की गंभीर श्रेणी का मतलब है कि हवा में मौजूद सूक्ष्म कण और विषाक्त पदार्थ सांस लेने के दौरान शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे स्वस्थ व्यक्तियों में भी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, और पहले से बीमार लोगों के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है।
मुजफ्फरनगर में AQI 149 दर्ज किया गया है जो “संतोषजनक” श्रेणी में आता है। यह श्रेणी स्वास्थ्य के लिए ज्यादा जोखिमपूर्ण नहीं मानी जाती, हालांकि संवेदनशील समूहों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब में फसल कटाई के बाद खेतों में पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण स्तर बढ़ता है। दिल्ली में लाखों वाहन रोज़ चलते हैं, जो प्रदूषण में बड़ा योगदान देते हैं। औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुआं भी प्रदूषण को बढ़ाता है। इस समय हवा की गति धीमी है, जिससे प्रदूषण फैलने के बजाय सतह के पास बना रहता है।
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दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत निर्माण गतिविधियों पर रोक, ट्रकों के प्रवेश पर नियंत्रण और सड़कों पर पानी का छिड़काव जैसे उपाय किए हैं।
विशेषज्ञों ने दिल्लीवासियों को घर के अंदर रहने, मास्क पहनने, एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने और बाहरी गतिविधियों को कम करने की सलाह दी है।