लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक एवं भाजपा से राज्यसभा के सांसद ब्रजलाल ने सोमवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला किया है।
उन्होंने सोशल प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि अखिलेश यादव आप उनके भी घर हो आये होते, जिनकी मुख्तार अंसारी ने हत्या की या करवायी थी। आप उनकी विधवाएं और उनके बच्चों के आंसू पोछ आए होते। लेकिन आप ऐसा करोगे नहीं क्योंकि आप तो सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करते हो। आप वही अखिलेश यादव हो, जो आतंकियों के 14 मुकदमें वापस लिए थे। आपके लिए ये तुष्टिकरण करना हमें तो आश्चार्य नहीं लगा।
उन्होंने यह बातें माफिया मुख्तार अंसारी के निधन के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का उनके घर गाजीपुर जाकर परिवार को सांत्वना देने पर तीखा प्रहार करते हुए कही है।
सोशल मीडिया एक्स पर अपना एक वीडियो सार्वजनिक करते हुए राज्यसभा सांसद ने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव माफिया मुख्तार अंसारी के घर अपनी शोक संवेदना प्रकट करने गये थे। वो मुख्तार अंसारी जिसने दो दर्जन से अधिक लोगों की हत्याएं की। आठ मामलों में उसको कोर्ट से उसे सजा हुई थी।
उन्होंने कहा कि अखिलेश जी पीछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) की बात करते हैं। आप जरा वहां गये थे तो विश्वनाथ राम मुनीम के घर हो आते। वो विश्वनाथ राम मुनीम जिसको मान्यवर कांशीराम ने गाजीपुर सदर से वर्ष 1993 में विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था। मुख्तार अंसारी टिकट मांग रहा था तो लेकिन उसे नहीं दिया गया और 19 नवम्बर 1993 की रात में विश्वनाथ राम मुनीम टेढ़वा मोहल्ला से अपने घर को निकले तो उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। सुबह 20 नवम्बर को चुनाव होने थे। उनका दोष क्या था कि मुख्तार अंसारी को टिकट नहीं मिला और वो चुनाव लड़ गये। उसके बाद कांशीराम ने एक यादव जी को टिकट दिया, लेकिन डर के मारे बैठ गये कि कहीं मुख्तार उन्हें भी न मरवा दें। 1994 में जब चुनाव हुआ तो राजबहादुर जीत गये और मुख्तार अंसारी हार गया।
वो मुख्तार अंसारी जिसने नंद किशोर राय नंदू बाबू, कृष्णा नंद राय, सिपाही रघुवंश राय, सिपाही सतीश कुमार राय, हवलदार राजेंद्र राय, टूनटून राय ये सब पुलिस के सिपाही थे, जिनकी हत्याएं मुख्तार अंसारी ने की। इतना नहीं गाजीपुर में राजेश राय, रमेश राय, अवधेश राय, सचिदानंद राय, कपिल देव राय, जनई मनई यादव ये कुछ नाम है, जिनकी हत्याएं मुख्तार अंसारी ने की या करावायी।
आप जरा उन लोगों के घर हो आते, उनकी विधवाएं और बच्चे हैं उनके आंसू पोछ आते। लेकिन आप ऐसा करोगे नहीं क्योंकि आप तो सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करते हो। अखिलेश यादव हो है, जो आतंकियों के 14 मुकदमें वापस लेते हैं तो आपके लिए ये तुष्टिकरण करना हमें तो आश्चार्य नहीं लगा।